आज इस मामले में आगे की सुनवाई शुरू होते ही केंद्रीय सतर्कता आयोग के बाद जस्टिस पटनायक ने भी अपनी रिपोर्ट सौंप दी। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि सीवीसी ने दस्तावेज के साथ पूर्ण रिपोर्ट सौंपी है। हालांकि रिपोर्ट कई मामले में बेहद पेंचिदा हैं। इसलिए कुछ और आरोपों के जांच की जरुरत है। सुप्रीम कोर्ट के आज के फैसले से इस बात के संकेत मिले हैं कि सीवीसी की रिपोर्ट में कुछ मामलों में वर्मा पर आरोप सिद्ध नहीं पाए गए हैं लेकिन कुछ मामलों में स्थिति स्पष्ट नहीं है। इसलिए इस मामले में जल्दबाजी में निर्णय देना उचित नहीं रहेगा।
इस मामले में याचिकाकर्ता सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा के अनुरोध पर प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने कहा कि अगर केंद्र सरकार को ऐतराज न हो तो हम आलोक वर्मा के वकील को रिपोर्ट की सीलबंद कॉपी देंगे। वर्मा को सीलबंद लिफाफे में जवाब देने का निर्देश दिया है। हालांकि कोर्ट ने अस्थाना को रिपोर्ट की कॉपी नहीं देने का आदेश दिया। कोर्ट ने 20 नवंबर तक के लिए अगली सुनवाई टाल दी। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से साफ है कि वो इस मुद्दे पर निर्णय देने में जल्दबाजी में नहीं है। साफ है कि अदालत सीबीआई बनाम सीबीआई से संबंधित सभी बिंदुओं पर स्थिति स्पष्ट होने के बाद ही अंतिम फैसला सुनाएगी।