दरअसल भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना के बीच समन्वय बढ़ाने के लिये एकीकृत संयुक्त सैन्य कमान के गठन की तैयारी चल रही है। इस बीच सीडीएस बिपिन रावत ने इंडियन एयर फोर्स को सपोर्ट आर्म ऑफ आर्मी बताया। उनके इसी बयान के बाद आईएएफ चीफ की बड़ी प्रतिक्रिया सामने आई।
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पाकिस्तान में भारतीय उच्चायोग के अंदर भी पहुंचा ड्रोन, भारत ने जताया विरोध भारत में थिएटर कमांड के गठन को लेकर पिछले दिनों संकेत मिले कि रक्षा मंत्रालय, थल सेना और भारतीय नौसेना इसके गठन को पूरी तरह से तैयार हैं। हालांकि इसको लेकर वायुसेना को शुरू से ही आपत्ति है। भारतीय वायुसेना इस प्रक्रिया के खिलाफ है।
इस बीच सीडीएस बिपिन रावत के बयान ने मुश्किलें बढ़ा दी हैं। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने एयरफोर्स को लेकर जो बात कही उससे मतभेद सामने आ गए हैं। ये बोले थे सीडीएस रावत
भारतीय वायुसेना की भूमिका के बारे में चीफ डिफेंस ऑफ स्टाफ रावत ने कहा था कि ये जमीनी बलों के लिए सहायक शाखा है और ये विंग थिएटर कमान में से एक देश में हवाई क्षेत्र के समग्र प्रबंधन को देखेगी। वहीं रावत ने एयरफोर्स को सपोर्ट आर्म ऑफ आर्मी बताया।
भदौरिया ने दिया ये जवाब
जनरल रावत की टिप्पणियों के बारे में पूछे जाने पर, एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया की बड़ी प्रतिक्रिया सामने आई। भदौरिया ने कहा, ‘यह अकेले सहायक भूमिका नहीं है। किसी भी एकीकृत युद्ध में वायु शक्ति की बहुत बड़ी भूमिका होती है।
भारतीय वायुसेना एकीकृत थिएटर कमान की प्रस्तावित स्थापना के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।’ उन्होंने कहा कि इंडियन एयरफोर्स इंडियन आर्मी की सपोर्ट आर्म नहीं है। एयर फोर्स ग्राउंड को सपोर्ट नहीं करती बल्कि फोर्सेज की अगुवाई करती है।
बता दें कि थिंक-टैंक ‘ग्लोबल काउंटर-टेररिज्म काउंसिल की ओर से आयोजित एक सम्मेलन में जनरल रावत और एयर चीफ मार्शल भदौरिया अलग-अलग एक सत्र को संबोधित कर रहे थे।
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक वायुसेना अपनी सीमित हवाई संपत्ति को अलग-अलग थिएटर कमांडों के बीच बांटने का विरोध कर रही है, क्योंकि पश्चिमी और पूर्वी नौसैनिक बेड़े, समुद्री स्ट्राइक फाइटर जेट्स और भारतीय वायुसेना के ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट और सेना के दो इन्फैंट्री ब्रिगेड के कंट्रोल के अलावा कोस्ट गार्ड समुद्री थिएटर कमांड के अधीन हो जाएंगे।