यहां पर पुलिस स्टेशन का कर दिया गया ऐसा डेकोरेशन कि बच्चे आएं तो नहीं हो खौफ, दीवारों पर कार्टून देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत ने कहा, “किसी भी विकल्प (चुनौती) के सामने आने पर पूरी तरह तैयार रहने का काम सभी रक्षा सेवाओं को सौंपा गया है। हालांकि किसी भी परिदृश्य की भविष्यवाणी करना बहुत मुश्किल है, लेकिन हमें दिए जाने वाले किसी भी कार्य को अंजाम देने के लिए हम हमेशा पूरी तरह तैयार हैं।”
टाइगरशार्क्स फाइटर स्क्वैड्रन दरअसल सोमवार को तंजावुर में टाइगरशार्क्स फाइटर स्क्वैड्रन (TigerSharks) की शुरुआत की गई। इस नाम के अंतर्गत सुखोई-30 MKI फाइटर विमान की पहली स्क्वैड्रन शुरू की गई।
गणतंत्र दिवस से पहले एक साथ इतने आतंकी धरे गए, बरामद हुआ इतना गोला-बारूद कि दहल जाता इस मौके पर सीडीएस रावत के साथ वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया और डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (डीआरडीओ) के चेयरमैन जी सतीश रेड्डी पहुंचे थे। इसके साथ ही दक्षिण भारत में सुखोई-30 MKI लड़ाकू विमान की पहली स्क्वैड्रन शुरू हो गई जो समुद्री क्षेत्र में भी अपनी भूमिका निभाएगी।
तंजावुर में SU-30 MKI लड़ाकू विमान ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के एयर लॉन्च (हवा से मार करने वाले) वर्जन से लैस हैं, जो करीब 300 किलोमीटर दूरी के लक्ष्य को बिल्कुल सटीक ढंग से भेद सकती है।
फांसी चढ़ चुके शख्स ने उस वक्त ही कर दिया था जम्मू-कश्मीर के DSP के बारे में सबसे बड़ा खुलासा वायुसेना की इस स्क्वैड्रन को लेकर जनरल रावत ने कहा, “इस तथ्य के आधार पर कि तंजावुर रणनीतिक रूप से दक्षिणी प्रायद्वीप में बहुत अच्छी तरह से स्थित है, यहां से समुद्र पर हावी हुआ जा सकता है। इसके साथ ही भारतीय नौसेना को बहुत करीब से और एकीकृत समर्थन प्रदान करता है। यह (वायुसेना) जमीनी सेना को सहायता भी प्रदान कर सकता है।”
वहीं, इस दौरान वायुसेना प्रमुख भदौरिया ने कहा कि हमारे पास हथियार क्षमता के मामले में ब्रह्मोस के साथ SU-30 MKI सबसे मजबूत समुद्री संयोजन है। तंजावुर पूर्व और पश्चिम दोनों दिशाओं और हिंद महासागर क्षेत्र तक पहुंच के कारण आदर्श स्थान है।
उन्होंने आगे बताया कि यह नौसेना के समर्थन में बड़ी क्षमता लाएगा। SU-30MKI फाइटर के साथ ब्रह्मोस मिसाइल के एयर लॉन्च किए गए संस्करण का एकीकरण पूरी तरह से स्वदेशी रूप से ब्रह्मोस एयरोस्पेस, एचएएल और वायुसेना द्वारा किया गया है।