चावल ने बनेगा एथनॉल सरकार की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक राष्ट्रीय जैव ईंधन नीति 2018 के पैरा 5.3 के मुताबिक किसी साल जब कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय की ओर से तय किए गए लक्ष्य से अधिक खाद्यान की आपूर्ति होती है तो राष्ट्रीय जैव ईंधन समन्वय समिति (एनबीसीसी) के अनुमति लेकर खाद्यान्न की इस अतिरिक्त मात्रा को एथनॉल में बदलने की अनुमति दी जा सकती है।
सैनिटाइचर की भारी मांग भारतीय खाद्य निगम के पास चावल का भारी मात्रा में स्टॉक है। यह जरूरत के मुकाबले काफी ज्यादा है। सैनिटाइजर के अलावा इस चावल से जो एथेनॉल बनेगा उसे पेट्रोल में मिलाकर बेचा जाएगा। कोरोना वायरस के चलते हैंड सैनिटाइजर की भारी मांग देखी जा रही है।
बैठक में लिया गया फैसला तेल मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की अध्यक्षता में राष्ट्रीय जैव ईंधन समन्वय समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया। 2018 की राष्ट्रीय जैव ईंधन नीति में एथेनॉल बनाने के लिए चावल के उपयोग की अनुमति दी गई है। फिलहाल देश में कच्चे तेल आयात को कम करने और विदेशी आयात कम करने के लिए चावल से एथेनॉल बनाया जाता था। एथाइल अल्कोहल के इथेनॉल के रूप में भी जाना जाता है। यह चीनी से बनने वाला एक उत्पाद है।
विपक्षी दलों जताया विरोध
सरकार के इस फैसले का विपक्षी दलों ने विरोध करना भी शुरू कर दिया है। विपक्षी दल इस बात की मांग कर रहे हैं कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत मुफ्त खाद्यान्न के वितरण का विस्तार किया जाए और जिन लोगों के पास राशन कार्ड नहीं हैं उन्हें भी राशन दिया जाये। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को सरकार को उन खबरों पर कटाक्ष किया कि चावल का इस्तेमाल सैनिटाइटर बनाने के लिए किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जब गरीब भूख से मर रहे हैं, तो सरकार चावल से सैनिटाइजर बनाने के लिए इस्तेमाल करने की अनुमति दे रही है।
राहुल गांधी ने किया ट्वीट राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि “आखिरकार, भारत के गरीब कब जागेंगे? आप भूख से मर रहे हैं और सरकार आपके हिस्से के चावल से अमीरों के लिए सैनिटाइज़र बनाकर अमीरों के हाथों की सफाई में व्यस्त हैं.” हिंदी में पर्सनल फाइनेंस और शेयर बाजार के नियमित अपडेट्स के लिए लाइक करें हमारा फेसबुक पेज. इस पेज को लाइक करने के लिए यहां क्लिक करें।
जानिए चावल के और क्या-क्या हैं फायदे – प्रतिदिन के भोजन में शामिल चावल, शरीर में कॉम्प्लेक्स, कार्बोहाइड्रेट और विटामिन- बी की आपूर्ति करता है। चावल को मांड के साथ खाना ज्यादा फायदेमंद होता है ।
– निश्चित तौर से चावल आसानी से पच जाता है, इसलिए डायरिया और अपच होने पर चावल का सेवन करने पेट को आराम मिलता है।आतिसार और पेचिश की समस्या होने पर चावल का प्रयोग गाय के दूध या दही के साथ किया जाता है।
-पेशाब संबंधी समस्या में चावल के धुले पानी में सोडा और शक्कर मिलाकर पीने से पेशाब की समस्या दूर हो जाती है। इसके अलावा भंग का नशा उतारने में भी इसका प्रयोग होता है।
-माइग्रेन या आधासीसी की समस्या होने पर रात को सोने से पहले चावल को शहद के साथ मिलाकर खाने से लाभ होता है। एक सप्ताह ऐसा करने से सिरदर्द की समस्या लगभग समाप्त हो जाती है।
– गर्भनिरोधक के तौर पर भी चावल के पानी का उपयोग किया जाता है। यदि महिलाएं गर्भ निरोधक प्रयोग नहीं करना चाहती, तो चावल के धुले पानी में चावल के पौधे की जड़ पीसकर छान लें। इसमें शहद मिलाकर पिएं। यह एक सुरक्षित गर्भनिरोधक उपाय है।