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घाटी में हालात होने लगे सामान्य, केंद्र सरकार ने 7 हजार जवानों को वापस बुलाने का दिया आदेश

locationनई दिल्लीPublished: Dec 25, 2019 03:12:39 pm

Submitted by:

Kapil Tiwari

– जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir) से बुलाए जा रहे जवानों की तैनाती दिल्ली में गणतंत्र दिवस (Republic Day) को ध्यान में रखते हुए की जाएगी

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श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को हटाए जाने के वक्त घाटी में अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती की गई थी, ताकि वहां किसी भी तरह की अप्रिय घटना से बचा जा सके। आर्टिकल 370 को हटे करीब 5 महीने होने जा रहे हैं और अब धीरे-धीरे कश्मीर में हालात सामान्य होते दिख रहे हैं। इस बीच केंद्र सरकार ने तत्काल प्रभाव से जम्मू-कश्मीर में तैनात अर्द्धसैनिक बलों की 72 कंपनियों को वापस बुलाने का आदेश दिया है।

72 हजार जवानों की घाटी से होगी वापसी

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मंगलवार को गृहमंत्रालय की एक हाई लेवल मीटिंग में जम्मू-कश्मीर में नजरबंद किए गए नेताओं की स्थिति पर भी चर्चा हुई है। इसी मीटिंग में घाटी से करीब 7 हजार जवानों को वापस बुलाने का फैसला किया गया। इसमें 24 कंपनियां केंद्रीय रिजर्व पुलिस बलों की हैं। जबकि प्रत्येक 12 कंपनियां सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआइएसएफ), सहस्त्र सीमा बल (एसएसबी) की हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने यह आदेश विगत सोमवार को जारी किया था जिसकी जानकारी मुख्य सचिव, गृह सचिव, जम्मू और कश्मीर के डीजीपी को दी गई है। मंत्रालय ने इस आदेश की एक प्रति सीआरपीएफ, बीएसएफ, आइटीबीपी, सीआइएसएफ और एसएसबी के आइजी (अभियानों) को भी जारी की है।

गणतंत्र दिवस को ध्यान में रखते हुए दिल्ली में तैनात होंगे जवान

जानकारी के मुताबिक, सीआरपीएफ के अतिरिक्त महानिदेशक और जम्मू व कश्मीर के प्रभारी जुल्फिकार हसन ने बताया कि आदेश में बताया गया था कि मंत्रालय इस आंतरिक मामले की समीक्षा करेगा। वापस भेजी जा रही इन 72 कंपनियों को अपने पूर्व स्थान पर जाना होगा। दिल्ली से भेजे गए 70 हजार से अधिक जवान अब वापस दिल्ली में तैनात होंगे। ये तैनाती दिल्ली में गणतंत्र दिवस की परेड को ध्यान में रखते हुए की जाएगी।

डोभाल ने की उच्चस्तरीय बैठक

जम्मू और कश्मीर के हालात की समीक्षा के लिए एक उच्चस्तरीय बैठक मंगलवार को हुई है। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के नेतृत्व में इस नवसृजित केंद्र शासित प्रदेश की सुरक्षा पर चर्चा हुई।

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