‘ICJ में नहीं उठा सकते पाक में कैद भारतीय सैनिकों का मामला’
Published: Sep 01, 2015 09:46:00 pm
पाकिस्तान की जेलों में बंद 54 भारतीय सैनिकों की रिहाई का मसला आईसीजे में उठाना मुमकिन नहीं होगा
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने मंगलवार उच्चतम न्यायालय को बताया कि पाकिस्तान की जेलों में बंद 54 भारतीय सैनिकों की रिहाई का मसला अंतरराष्ट्रीय अदालत (इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस अर्थात आईसीजे) में उठाना मुमकिन नहीं होगा। सॉलिसिटर जनरल रंजीत कुमार ने शीर्ष अदालत को बताया कि भारत और पाकिस्तान के राष्ट्रमंडल देश होने के चलते इस मसले को अंतरराष्ट्रीय अदालत में नहीं उठाया जा सकता।
इसकी मुख्य वजह है 1974 में आईसीजे के चार्टर को स्वीकार करते समय भारत और पकिस्तान की तरफ से रखी गई शर्तें। दोनों देशों की तरफ से कहा गया था कि किसी राष्ट्रमंडल देश के साथ उनके विवाद को उनकी मंकाूरी के बिना आईसीजे नहीं सुन सकती। यही वजह है कि पकिस्तान की मंकाूरी के बिना भारत द्विपक्षीय मामले को अंतरराष्ट्रीय अदालत में नहीं उठा सकता, न ही भारत की मंकाूरी के बिना पाकिस्तान ऎसा कर सकता है।
सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि पाकिस्तान लगातार भारतीय सैनिकों के अपने यहां होने से इनकार करता रहा है, ऎसे में यह तय है कि पाकिस्तान इस मसले को आईसीजे में उठाने की मंकाूरी नहीं देगा। भारत के ये 54 सैनिक 1965 और 1971 की लड़ाई के बाद से पाकिस्तान की जेलों में बंद हैं। हालांकि, पाकिस्तान इन सैनिकों के अपने यहां होने से लगातार इनकार करता रहा है। मामले की अगली सुनवाई आठ सितम्बर को होगी।