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कोरोना के कहर में चमकी बुखार की दस्तक, बिहार में मिला पहला मरीज

Chamki Bukhar : मुजफ्फरपुर जिले के श्रीकृष्णा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया चमकी बुखार से पीड़ित मरीज बच्चे की उम्र तीन साल है, उसकी स्थिति अभी गंभीर बताई जा रही है

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Soma Roy

Mar 29, 2020

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Chamki Bukhar

नई दिल्ली। अभी पूरे देश में जहां कोरोना वायरस (Coronavirus) का आतंक मचा हुआ है, वहीं चमकी बुखार (Chamki Fever) की दस्तक ने लोगों की पेरशानी को और बढ़ा दिया है। इसका पहला मामला बिहार के मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) में सामने आया है। बताया जाता है कि एक बच्चे को चमकी बुखार होने के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

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मालूम हो कि पिछले साल चमकी बुखार यानी एईएस से 150 से ज्यादा बच्चों की जान चली गई थी। ऐसे में बिहार में दोबारा इसकी दस्तक ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है। मुजफ्फरपुर जिले के श्रीकृष्णा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसकेएमसीएच) के पेडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट (पीआईसीयू) वार्ड में चमकी बुखार के मरीज को भर्ती कराया गया है। बच्चे की उम्र तीन साल है। अभी उसकी स्थिति गंभीर बनी हुई है।

मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच के अधीक्षक डॉ. एसके शाही के मुताबिक चमकी बुखार से पीड़ित होने का ये इस साल का पहला केस है। बच्चा मुजफ्फरपुर जिले के सकरा इलाके का रहने वाला है। बता दें कि हर साल चमकी बुखार की वजह से बिहार में सैकड़ों लोगों की जान जाती है। गर्मी के शुुरू होते ही ये बीमारी अपने पैर पसारने लगती है। इसके बचाव के लिए टीकाकरण किया जाता है, लेकिन कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि इस बार टीकाकरण का काम कई इलाकों में नहीं हुआ है। इस सिलसिले में राज्य स्वास्थ्य समिति की ओर से जिले के छह प्रखंडों में जेई टीकाकरण की जांच की गई तो पता चला कि कई ऐसे बच्चे हैं जिनका टीकाकरण नहीं हुआ। जांच में यह भी पता चला कि सबसे ज्यादा प्रभावित प्रखंडों में 20 से 50 फीसद तक बच्चों का टीकाकरण नहीं किया गया है।मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच के अधीक्षक डॉ. एसके शाही के मुताबिक चमकी बुखार से पीड़ित होने का ये इस साल का पहला केस है। बच्चा मुजफ्फरपुर जिले के सकरा इलाके का रहने वाला है। बता दें कि हर साल चमकी बुखार की वजह से बिहार में सैकड़ों लोगों की जान जाती है। गर्मी के शुुरू होते ही ये बीमारी अपने पैर पसारने लगती है। इसके बचाव के लिए टीकाकरण किया जाता है, लेकिन कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि इस बार टीकाकरण का काम कई इलाकों में नहीं हुआ है। इस सिलसिले में राज्य स्वास्थ्य समिति की ओर से जिले के छह प्रखंडों में जेई टीकाकरण की जांच की गई तो पता चला कि कई ऐसे बच्चे हैं जिनका टीकाकरण नहीं हुआ। जांच में यह भी पता चला कि सबसे ज्यादा प्रभावित प्रखंडों में 20 से 50 फीसद तक बच्चों का टीकाकरण नहीं किया गया है।


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