तस्वीर को चंद्र मिशन चंद्रयान-2 के IIRS (इमेजिंग इन्फ्रारेड स्पेक्ट्रोमीटर) पेलोड द्वारा लिया है। IIRS यानी इमेजिंग इन्फ्रेरेड स्पेक्ट्रोमीटर को इस तरह से बनाया गया है, जिससे वह चंद्रमा की सतह से परिवर्तित होने वाले सूर्य के प्रकाश को माप सके।
इसरो के अनुसार IIRS को चंद्रमा पर सूर्य की परिवर्तित होने वाली किरणों के अलावा चांद पर मौजूद खनिजों का पता लगाने के लिए डिजाइन किया गया है। इसकी मदद से कई अहम तस्वीरें इसरो को मिल सकती हैं।
इसरो ने चंद्रयान-2 द्वारा ली गई चंद्रमा की सतह की जो तस्वीर जारी की है,उसमें चांद पर मौजूद स्थिति का पता चल सकेगा। इसरो ने जारी बयान में कहा कि IIRS को चंद्रमा पर सूर्य की परावर्तित होने वाली किरणें,चांद की सतह पर मौजूद खनिजों का पता लगाने के लिए बनाया गया है। इसरों उम्मीद लगा रहा है कि चंद्रमा को लेकर इस तस्वीर के सामने आने के बाद कई अहम जानकारी सामने आ सकती है।
गौरतलब है कि चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर को लेकर अब तक इसरो को कोई बड़ी सफलता हाथ नहीं लगी है। इसके साथ अभी तक विक्रम लैंडर से संपर्क स्थापित नहीं हो पाया है। दरअसल,विक्रम लैंडर को चंद्रमा की दक्षिणी सतह पर छह सितंबर को सॉफ्ट लैंडिंग करनी थी। मगर बताया जा रहा हार्ड लैंडिंग के कारण उसका संपर्क टूट गया है। अमरीकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने अपने लूनर रिकनैसैंस ऑर्बिटर कैमरा (एलआरओसी) से 17 सितंबर को विक्रम की लैंडिंग साइट की तस्वीरें ली थीं। इस दौरान अंधेरे के कारण तस्वीरें साफ नहीं आ पाईं थीं।