विश्व डाक दिवस के अवसर पर इसरो प्रमुख ने लिखी चिट्ठी।
स्कूली बच्चों द्वारा भेजी गई चिट्ठी का दिया जवाब।
स्कूली बच्चों को दी चंद्रयान-2 मिशन के भविष्य की जानकारी।
इसरो फिर रचने जा रहा इतिहास, 24 जनवरी को लॉन्च करेगा दुनिया का सबसे छोटा सैटेलाइट कलामसैट
चेन्नई। इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (इसरो) के महात्वाकांक्षी चंद्रयान-2 अभियान को लेकर आए दिन कोई न कोई जानकारी सामने आ रही है। अब ताजा समाचार यह है कि चंद्रयान-2 अभियान के विक्रम लैंडर के सॉफ्ट लैंडिंग न कर पाने के मामले में इसरो प्रमुख के सिवन ने अपना जवाब दिया है। हालांकि उन्होंने यह जवाब एक सरकारी स्कूल के बच्चों को दिया है।
इस पत्र के जरिये स्कूली बच्चों ने चंद्रयान-2 मिशन को लेकर फैली निराशा के बीच उन्हें दिलासा देने का प्रयास किया। इस पत्र के मुताबिक बच्चों ने लिखा कि वैज्ञानिक अध्ययन कभी असफल नहीं होते।
उन्होंने लिखा, “आप सभी के ऐसे प्यार और समर्थन के साथ भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान विभाग और ज्यादा हासिल करेगा। हालांकि चंद्रयान-2 का लैंडर (विक्रम) लैंड नहीं कर सका, लेकिन ऑर्बिटर काफी अच्छा काम कर रहा है।”
छात्रों को भेजी गई इसरो प्रमुख के सिवन की इस चिट्ठी की फोटोकॉपी बांटी गई। इस पत्र को तमिल में लिखा गया था और तमिल में ही इसमें हस्ताक्षर किए गए थे। इस पत्र के संपादक समुद्रपांडियन ने लिखा कि यह चिट्ठी देश के सबसे श्रेष्ठ व्यक्ति द्वारा विश्व डाक दिवस के मौके पर लिखी गई, जो प्रसन्नता देने वाली बात है।
गौरतलब है कि बीते 7 सितंबर को अंतिम निर्णायक मौके पर इसरो का विक्रम लैंडर से संपर्क टूट गया था। यह संपर्क चंद्रमा की सतह से 2.1 किलोमीटर की ऊंचाई पर टूटा था, जब लैंडर उतरने वाला था।
इसके बाद वहां रात चालू हो गई और इस दौरान विक्रम से संपर्क साधना तकरीबन नामुमकिन था क्योंकि रात में चंद्रमा के इस हिस्से का तापमान शून्य से 200 डिग्री तक नीचे चला जाता है। विक्रम लैंडर में इसे गर्म रखने वाला कोई उपकरण भी नहीं है, ताकी इसकी ऐसे माहौल में ठीक रहने की संभावना होती।
हालांकि अब फिर से चंद्रमा पर दिन आ गया है लेकिन इसरो के तमाम प्रयासों के बावजूद अभी तक लैंडर से संपर्क नहीं हो सका है।