चांद पर मिल गई बड़ी सफलता, मिली ऐसी चीज कि देखकर झूम उठे लोग अनुभव का लाभ उठाना चाहते है नासा के वैज्ञानिक नासा के वैज्ञानिकों की बेसब्री इसलिए भी ज्यादा है कि अमरीका के अंतरिक्ष विज्ञानी खुद मार्स 2020 ( मार्स रोवर मिशन ) को 18 जुलाई, 2021 को लॉन्च करने की महत्वाकांक्षी योजना पर काम कर रहा है। इसलिए नासा के इस प्रोजेक्ट से जुड़े वैज्ञानिक यह जानना चाहते हैं कि सॉफ्ट लैंडिंग करते वक्त इसरो के लैंडर विक्रम के साथ क्या हुआ। ताकि मार्स मिशन के दौरान इसरो के अनुभव का लाभ उठाया जा सके।
जानकारी करे साझा इसरो मार्स-2020 ( मार्स रोवर मिशन ) लीड फ्लाइट सेगमेंट के प्रमुख अभियंता देवरॉक्स ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अंतरिक्ष सप्ताह के दौरान अपनी स्पीच में उत्सुकता भरे लहजे में इसरो से सवाल किया है कि हम वास्तव में नहीं जानते कि लैंडर विक्रम जब सॉफ्ट लैंडिंग कर रहा था तब क्या हुआ? विक्रम के साथ क्या हुआ और वो चांद पर कहां उतरा।
उन्होंने कहा कि इसरो को अंतरिक्ष विज्ञानियों और अनुंसधान संगठनों से इस जानकारी को साझा करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसरो बताए कि सॉफ्ट लैंडिंग के अंतिम समय में विक्रम के साथ क्या हुआ?
चंद्रयान-2 के वैज्ञानिकों पर जताया भरोसा अमरीकी वैज्ञानिक देवरॉक्स ने कहा कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिक चंद्रमा पर अपने चंद्रयान -2 लैंडर विक्रम से संपर्क स्थापित करने को लेकर युद्धस्तर पर लगे हुए हैं। लेकिन लैंडर विक्रम का भाग्य अभी तय होना बाकी है। अहम सवाल यह है कि क्या इसरो विक्रम से संपर्क स्थापित कर पाएगा।
हालांकि यूएनजीए में अंतरिक्ष सप्ताह के दौरान नासा के वैज्ञानिकों ने कहा है कि इसरो के वैज्ञानिक ऐसा कर पाने में सक्षम हैं और उम्मीद है वो बहुत जल्द विक्रम से संपर्क स्थापित कर उसका भाग्य तय कर देंगे। नासा के वैज्ञानिकों ने कहा कि इसरो के वैज्ञानिकों ने लैंडर से संपर्क करने को लेकर अभी हार नहीं मानी है।