जानकारी के मुताबिक, ऑर्बिटर में मौजूद चेस-2 पेलोड ने चंद्रमा के बाहरी कक्षा में एरगॉन-40 का पता लगाया है। गुरुवार को इसरो ने कहा कि चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर ने करीब 100 किलोमीटर की ऊचाई से चंद्रमा के बाहरी कक्षा में एरगॉन-40 का पता लगाया है। इसरो का कहना है कि इस कामयाबी से चांद की सतह पर मौजूद पार्टिकल्स और कई अहम चीजों के बारे में जानकारी मिल सकती है। फिलहाल, जो जानकारी मिली है उसका अध्ययन किया जा रहा है।
वहीं, विक्रम लैंडर को इसरो और अमरीकी स्पेस एजेंसी नासा को अब तक कोई कामयाबी नहीं मिली है। बताया जा रहा है कि अब 10 नवंबर को एक बार फिर से नासा का LRO विक्रम की लैंडिंग साइट के ठीक ऊपर से गुजरेगा। चांद के उस सतह की एक बार फिर तस्वीर क्लिक की जाएगी और विक्रम लैंडर के बारे में पता लगाया जाएगा। कहा यह भी जा रहा है कि जिस वक्त LRO वहां से गुजरेगा उस दौरान चांद की सतह पर रोशनी पर्याप्त होगी। हालांकि, पिछली बार जब 14 अक्टूबर को नासा के ऑर्बिटर ने इसकी तस्वीरें खींची थी तब भी चांद की सतह पर रोशनी पर्याप्त थी, लेकिन कामयाबी हासिल नहीं हो सकी। अब देखना यह है कि इस बार विक्रम लैंडर को लेकर कोई जानकारी मिलती है या नहीं।