scriptवेतन निकालने के लिए बैंकों के बाहर लंबी कतारें, लोगों में गुस्सा | Chaos, anger as people stand outside banks to withdraw money on pay day | Patrika News

वेतन निकालने के लिए बैंकों के बाहर लंबी कतारें, लोगों में गुस्सा

Published: Nov 30, 2016 07:51:00 pm

अपने पैसे निकालने के लिए लोग बैंकों के बाहर लंबी-लंबी कतारों में खड़े दिखे

Que

Que

नई दिल्ली। लोगों का वेतन बुधवार को उनके खाते में आने के बाद बैंकों के बाहर लोगों की कतारों में अचानक फिर इजाफा हो गया। अपने पैसे निकालने के लिए लोग बैंकों के बाहर लंबी-लंबी कतारों में खड़े दिखे। बीते आठ नवंबर को नोटबंदी के बाद लोगों को बैंकों व एटीएम से नकद निकालने के लिए काफी पापड़ बेलने पड़ रहे हैं। घरेलू सहायकों, ड्राइवरों तथा किराना सामानों के लिए नकद में भुगतान करने वालों के लिए मुसीबत और बड़ी है। पैसे निकालने के लिए तय की गई सीमा से लोगों को खासी परेशानी आ रही है।

दक्षिण-पश्चिम दिल्ली स्थित जनकपुरी की निवासी विशाखा शर्मा ने कहा, मैं पिछले दो घंटे से कतार में खड़ी हूं, क्योंकि अपनी घरेलू सहायिका तथा किराना बिल का भुगतान मुझे नकद में करना है। मकान का किराया चेक में देने के लिए मैंने मकान मालिक को किसी तरह राजी कर लिया, लेकिन अन्य बिलों के भुगतान को लेकर नकद निकालने के लिए मुझे बैंक आना पड़ा।

उन्होंने कहा, हम अपने ही पैसों के लिए कतार में लगे हैं और गिड़गिड़ाना पड़ रहा है, जो बेहद अपमानजनक है। इस बात को लेकर मैं आश्वस्त हूं कि कल (एक दिसंबर) हालात और बद्तर रहेंगे, क्योंकि अधिकांश लोगों के खाते में कल वेतन आएगा। एक बहुराष्ट्रीय कंपनी में काम करने वाले एक युवक ने शिकायत की है कि बैंक नकद निकालने की सीमा के नियमों की जानकारी नहीं दे रहे हैं।

योगेश यादव ने कहा, महीना खत्म हो रहा है और मुझे बिलों का भुगतान करना है। मैं 24,000 रुपए निकालने आया था, लेकिन मुझे केवल 10,000 रुपए ही मिले। मैं केवल 10,000 रुपए में सभी बिलों का भुगतान कैसे करूंगा और अपना खर्चा किस प्रकार चलाऊंगा?

कई लोगों ने इस मुद्दे पर अपनी नाराजगी जताई और शिकायत की कि उनकी मांगों का निपटारा बैंक नहीं कर रहे। उन्हें लगता है कि अगर वे पैसे निकालने की उच्च सीमा को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के नियम पर चलते हैं, तो केवल कुछ ही ग्राहकों को पैसे दे पाएंगे। मयूर विहार निवासी चिराग को 4,000 रुपये बैंक में जमा करने की मंजूरी नहीं मिली, क्योंकि वह अपना पहचान पत्र लेकर नहीं आए थे।

शाखा के प्रबंधक व उनके बीच इस बात को लेकर तीखी नोक-झोंक हुई कि आरबीअई के दिशानिर्देशों के तहत 50,000 रुपये से कम की रकम जमा कराने के लिए पहचान पत्र की जरूरत नहीं होती है।

36 वर्षीय चिराग ने कहा, मैं नकद जमा नहीं कर सका, क्योंकि वे मेरे पहचान पत्र की प्रति मांग रहे थे, जिसे मैं लेकर नहीं आया था। मुझे पैसे भी निकालने थे, लेकिन नकदी खत्म हो चुकी है। उन्होंने कहा, बैंक द्वारा तय नियमों के अनुसार ग्राहकों से लेनदेन न करना आपत्तिजनक है।

कृष्णा नगर निवासी राहुल चौहान के खाते में उनका वेतन 29 नवंबर को ही आ गया, लेकिन वे उसे निकालने में सक्षम नहीं हैं। उन्होंने कहा, मैं सुबह तीन बजे से ही बैंक के बाहर कतार में खड़ा था। लेकिन जब मेरा नंबर आया तो बैंक में पैसे खत्म हो गए। उन्होंने कहा, बैंकों द्वारा अपने जानकार लोगों से लेनदेन करना और बाकी लोगों को वापस जाने के लिए कहना पीड़ादायक है।

सुरिंदर कौर ने भी आरोप लगाया कि बैंककर्मी अपने मित्रों व संबंधियों की मदद कर रहे हैं और बैंक में टोकन सिस्टम की गड़बड़ी के बारे में भी शिकायत की। उन्होंने कहा, मैं पिछले तीन दिनों से रोजाना बैंक आ रही हूं। महिला ग्राहकों को उनकी बारी के अनुसार टोकन दिया गया और मुझे अपराह्न एक बजे आने के लिए कहा गया। जब हम पहुंचे, तो उन्हें नकद खत्म होने की बात कहकर हमें वापस जाने के लिए कह दिया। सुरिंदर ने कहा, सरकार और बैंक की तरफ से कुप्रबंधन को लेकर मैं बेहद गुस्सा हूं।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो