9 गोली लगने के बाद भी नहीं छोड़ी राइफल
14 फरवरी को कश्मीर घाटी के बांदीपोरा जिले में आतंकियों और सुरक्षाबलों की मुठभेड़ चल रही थी। इस मुठभेड़ में सीआरपीएफ कमांडेंट चेतन चीता अपनी टीम का नेतृत्व कर रहे थे। आतंकियों को सुरक्षाबलों के ऑपरेशन की जानकारी पहले लग गई और उन्होंने अपनी पोजिशन बदल ली। इस बीच चेतन चीत निर्भीक होकर आतंकियों की ओर बढ़ रहे थे। तभी आतंकियों ने चीता पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। इस दौरान आतंकियों ने चेतन चीता को निशाना बनाकर 30 राउंड फायरिंग की, जिसमें चीता को 9 गोलियां लगी। चेतन चीता को आंख समेत शरीर के कई अहम हिस्सों में गोली लगी, इसके बावजूद सीआरपीएफ कमांडेंट ने अपनी राइफल नहीं छोड़ी और आतंकियों से लोहा लेते रहे। इस मुठभेड़ में चेतन चीता ने लश्कर के एरिया कमांडर अबू हारिस को ढेर कर दिया। आतंकियों से मोर्चा लेते हुए चीता बेहोश होकर नीचे गिर पड़े। उनके साथियों ने तुरंत चीता को अस्पताल पहुंचाया।
14 फरवरी को कश्मीर घाटी के बांदीपोरा जिले में आतंकियों और सुरक्षाबलों की मुठभेड़ चल रही थी। इस मुठभेड़ में सीआरपीएफ कमांडेंट चेतन चीता अपनी टीम का नेतृत्व कर रहे थे। आतंकियों को सुरक्षाबलों के ऑपरेशन की जानकारी पहले लग गई और उन्होंने अपनी पोजिशन बदल ली। इस बीच चेतन चीत निर्भीक होकर आतंकियों की ओर बढ़ रहे थे। तभी आतंकियों ने चीता पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। इस दौरान आतंकियों ने चेतन चीता को निशाना बनाकर 30 राउंड फायरिंग की, जिसमें चीता को 9 गोलियां लगी। चेतन चीता को आंख समेत शरीर के कई अहम हिस्सों में गोली लगी, इसके बावजूद सीआरपीएफ कमांडेंट ने अपनी राइफल नहीं छोड़ी और आतंकियों से लोहा लेते रहे। इस मुठभेड़ में चेतन चीता ने लश्कर के एरिया कमांडर अबू हारिस को ढेर कर दिया। आतंकियों से मोर्चा लेते हुए चीता बेहोश होकर नीचे गिर पड़े। उनके साथियों ने तुरंत चीता को अस्पताल पहुंचाया।
बचने की नहीं थी उम्मीद
कमांडेंट चेतन चीता को 9 गोलियां आंख जैसी शरीर के कई अहम हिस्से में लगी थी। श्रीनगर से उन्हें तुरंत विशेष विमान से दिल्ली लाया गया। उनके दिल्ली पहुंचते ही सेना अध्यक्ष बिपिन रावत, केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू भी उनसे मिलने एम्स पहुंचे थे। कई दिनों तक चेतन चीता वेंटिलेटर पर रहे। होश आने के बाद जब पत्रकारों ने उनसे पूछा कि आप कैसा महसूस कर रहे तो उन्होंने कहा कि आई एम रॉकिंग। उन्होंने कहा था कि भगवान ने मुझे जिंदा रखा है इसका मतलब है कि मेरा काम अभी बाकी है। मुझे अभी देश की और सेवा करनी है। उस दौरान पूरे देश ने उनकी सलामती की दुआ मांगी थी।
कमांडेंट चेतन चीता को 9 गोलियां आंख जैसी शरीर के कई अहम हिस्से में लगी थी। श्रीनगर से उन्हें तुरंत विशेष विमान से दिल्ली लाया गया। उनके दिल्ली पहुंचते ही सेना अध्यक्ष बिपिन रावत, केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू भी उनसे मिलने एम्स पहुंचे थे। कई दिनों तक चेतन चीता वेंटिलेटर पर रहे। होश आने के बाद जब पत्रकारों ने उनसे पूछा कि आप कैसा महसूस कर रहे तो उन्होंने कहा कि आई एम रॉकिंग। उन्होंने कहा था कि भगवान ने मुझे जिंदा रखा है इसका मतलब है कि मेरा काम अभी बाकी है। मुझे अभी देश की और सेवा करनी है। उस दौरान पूरे देश ने उनकी सलामती की दुआ मांगी थी।