प्रद्युम्न के पिता ने घटना और आरोपी बस हेल्पर अशोक कुमार की गिरफ्तारी पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि स्कूल बस कंडक्टर, जिस पर हत्या का आरोप लगाया जा रहा है, आखिर उनके बेटे को क्यों मारेगा? यदि बस कंडक्टर टॉयलेट में कुछ गलत भी कर रहा था, तो सात साल के बच्चे को क्या समझ में आएगा। वह तो केवल आंख दिखाने पर ही डर जाता। उसकी निर्दयता से हत्या करने की क्या जरूरत थी? निश्चित रूप से हत्या के पीछे कुछ न कुछ है। इसकी जांच सीबीआई से ही होनी चाहिए। उन्होंने इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग दोहराते हुए कहा कि इस मामले में एक भी दोषी नहीं बचना चाहिए, तभी यह मामला ऐसे स्कूलों के लिए एक सबक बनेगा।
कोर्ट ने दिखाई संजीदगी
वरुण ने अदालतों में इस मामले को संजीदगी से लिए जाने पर संतोष प्रकट करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट हो या बंबई हाईकोर्ट, जिस तरह इस मामले को लेकर संजीदगी दिखाई जा रही है, उससे प्रद्युम्न को न्याय मिलने की संभावना बढ़ गई है।
गुरुग्राम के श्याम कुंज निवासी वरुण चंद्र ठाकुर का बेटा प्रद्युम्न भोंडसी के सोहना रोड स्थित रेयान इंटरनेशनल स्कूल में दूसरी कक्षा का छात्र था। आठ सितंबर को स्कूल में ही उसकी गला रेतकर हत्या कर दी गई। पुलिस ने स्कूल के एक बस सहायक को आरोपी बताते हुए गिरफ्तार कर लिया है। उसने कत्ल करना कबूल भी कर लिया है। प्रद्युम्न के पिता बिहार के मधुबनी जिले के पंडौल प्रखंड के बड़ागांव के रहने वाले हैं। प्रद्युम्न की हत्या को लेकर उनके पैतृक गांव के लोगों का गुस्सा भी उबाल पर है। वे भी मासूम बच्चे के असली कातिल को पकडऩे और निजी स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। (आईएएनएस)