रिपोर्ट के अनुसार- चीन की सीमा पर तैनात सैनिकों ने इस बात की पुष्टि की है। गौरतलब है कि पिछले माह नवंबर में ही चीन और भारत के अधिकारियों ने बीजिंग में आपसी संबंधों को सुधारने के लिए बैठक की थी। इसमें सीमा से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की गई थी। इसके बाद जारी एक बयान में विदेश मंत्रालय ने कहा था कि दोनों देश भारत-चीन सीमा पर शांति बनाए रखने पर सहमत हैं। बैठक में सभी तरह की स्थितियों की समीक्षा की गई है। बा दें, डोकलाम विवाद के बाद से ही भारत और चीन के रिश्तों में कुछ ठीक नहीं चल रहा है। आए दिन चीन की ओर से भारत के खिलाफ कोई न कोई बयान दाग दिया जाता है। चीन ने इससे पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अरुणाचल दौरे पर भी एतराज जताया था। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने यहां तक कह दिया था कि भारत को मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए इससे बचना चाहिए।
दूसरी ओर चीन लगातार पाकिस्तान के समर्थन में आगे आता रहा है। वे पीओके में सीपीईसी का निर्माण कर रहा है। यहां तक कि एनएसजी की सदस्यता में भारत के दावे में भी चीन रोड़े अटका रहा है। चीन नहीं चाहता कि भारत इसका सदस्य बने। हालांकि रूस अब इस मामले में भारत का साथ देने के लिए आगे आया है।