वैज्ञानिक होमी जहांगीर भाभा के 1966 में विमान क्रैश के लिए सीआईए जिम्मेदार था। उन्हें आर्किटेक्ट ऑफ इंडियन एटॉमिक एनर्जी प्रोग्राम भी कहा जाता है।
Homi Jahangir Bhabha
नई दिल्ली: भारत के परमाणु कार्यक्रमों के जनक वैज्ञानिक होमी जहांगीर भाभा के 1966 में विमान क्रैश के लिए सीआईए जिम्मेदार था। एक मीडिया रिपोर्ट में यह दावा किया गया है। रिपोर्ट में 11 जुलाई 2008 को एक पत्रकार ग्रेगरी डगलस व सीआईए के अधिकारी रॉबर्ट टी क्राओली के बीच कथित बातचीत को पेश किया गया है।
ऑडियो टेप से खुलासा
बातचीत में सीआईए अधिकारी रॉबर्ट कहते हैं कि हमारे सामने समस्या थी, आप जानते हैं, भारत ने 60 के दशक में आगे बढ़ते हुए परमाणु बम पर काम शुरू कर दिया था। भाभा का उल्लेख करते हुए सीआईए अधिकारी ने कहा कि मुझपर भरोसा करो, वह खतरनाक थे। उनके साथ एक दुर्भाग्यपूर्ण एक्सिडेंट हुआ। वह परेशानी को और अधिक बढ़ाने के लिए वियना की उड़ान में थे, तभी उनके बोइंग 707 के कार्गो में रखे बम में विस्फोट हो गया।
गौरतलब है कि जनवरी 1966 में मुंबई से एयर इंडिया का बोइंग 707 न्यूयॉर्क जा रहा था, लेकिन मॉन्ट ब्लां के पास क्रैश हो गया। इस विमान हादसे में सभी 117 लोगों की मौत हो गई। दुर्भाग्यवश इसी विमान में होमी जहांगीर भाभा भी थे। भाभा एक विज्ञान कॉन्फ्रेंस में शामिल होने वियना जा रहे थे।
कौन थे होमी जहांगीर भाभा
30 अक्टूबर, 1909 को जन्मे होमी जहांगीर भाभा भारत में परमाणु कार्यक्रम के जन्मदाता थे। 1944 में उन्होंने कुछ वैज्ञानिकों के साथ परमाणु उर्जा पर अनुसंधान शुरु किया। इसी वजह से उन्हें आर्किटेक्ट ऑफ इंडियन एटॉमिक एनर्जी प्रोग्राम भी कहा जाता है। आजादी के बाद भाभा ने दुनिया भर में काम कर रहे वैज्ञानिकों से स्वेदश लौट कर देश के लिए काम करने की अपील की। भाभा की अपील का कुछ ऐसा असर हुआ कि बहुत से वैज्ञानिक देश लौट आए। उनके एटॉमिक एनर्जी के विकास की कोशिशों से ही वर्ष 1956 में ट्रांबे में भारत में एशिया का पहले एटोमिक रिएक्टर की स्थापना की गई। डॉक्टर भाभा वर्ष 1956 में जेनेवा में आयोजित यूएन कॉफ्रेंस ऑन एटॉमिक एनर्जी के चेयरमैन भी चुने गए थे। वो अक्सर कहा करते थे कि मेरा विवाह रचनात्मता से हो चुका है।