दो अलग-अगल मामलों में दिया यह निर्णय
सूचना आयोग में नीरज शर्मा और अयूब अली गए थे। सूचना आयोग को बताया कि पीएम के विदेशी दौरों पर उनके साथ जाने वाले प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों के नाम बताने की पीएमओ से उन्होंने अपील की थी। लेकिन उनकी अपील का उचित जवाब नहीं मिला तो अंतिम अपीलीय प्राधिकार के चलते मामला केंद्रीय सूचना आयोग के पास आया। माथुर ने इन दोनों अलग-अलग मामलों पर निर्णय सुनाते हुए कहा कि आयोग का विचार है कि ऐसे गैरसरकारी व्यक्तियों के नाम या सूची, जो प्रधानमंत्री के साथ उनकी विदेश यात्रा पर साथ गए थे, अपीलकर्ता को मुहैया कराया जाना चाहिए। हां, सुरक्षाकर्मियों और प्रधानमंत्री की सुरक्षा जानकारी से जुड़े व्यक्तियों का नाम पीएमओ नहीं बता सकता है।
निजी कंपनियों से जुड़े व्यक्तियों की जानकारी मांगी थी
शर्मा ने निजी कंपनियों के सीईओ, मालिक या साझेदारों, निजी उद्योग अधिकारियों आदि की सूची मांगी थी, जो प्रधानमंत्री के साथ उनकी विदेश यात्राओं पर गए, जबकि अली मोदी के आवास और कार्यालय के मासिक व्यय, उनसे मिलने की प्रक्रिया, प्रधानमंत्री की ओर से अपने आवास और कार्यालय में जनता से की गई मुलाकातों की संख्या, उनकी ओर से संबोधित चुनावी सभाओं की संख्या और उन पर सरकारी खर्चे का व्योरा मांगा था।
अली ने 2016 में ही डाला था आरटीआई
मालूम हो कि अली ने अप्रैल 2016 में ही पीएमओ में आरटीआई डाला था, जबकि शर्मा ने जुलाई 2017 में दायर किया था। हाल के आदेश में माथुर ने पीएमओ को सूचना 30 दिन के भीतर देने का निर्देश दिया है। मुख्य सूचना आयुक्त ने अपने आदेश में साफ कर दिया है कि पीएमओ राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ विदेश यात्राओं पर जाने वाले लोगों के नाम जाहिर करने से इनकार नहीं कर सकता।