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CISCE पर हाईकोर्ट में केंद्र ने कहा- RTI दायरे से बाहर है संस्था

locationनई दिल्लीPublished: Oct 12, 2017 05:36:58 pm

Submitted by:

Prashant Jha

सीआइएससीई सीबीएसई की तरह ही देशभर में 10वीं और 12वीं की परीक्षा का आयोजित करती है।

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नई दिल्ली: देशभर में 10वीं और 12वीं की परीक्षा आयोजित कराने वाली काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एक्जामिनेशन (CISCE) संस्था आरटीआई के दायरे से बाहर होने पर सवालों के घेरे में है। इस संबंध में दिल्ली हाईकोर्ट ने पूछा कि CISCE को आरटीआई के दायरे में क्यों नहीं रखा गया। जिसपर केंद्र सरकार ने दलील दी कि ये सूचना के अधिकारी से बाहर है। उच्च न्यायालय की ओर से पूछे गए सवाल पर केंद्र सरकार की ओर से वकील ने कहा कि यह सूचना का अधिकार (आरटीआइ) से बाहर है। न्यायमूर्ति विभु बाखरू के समक्ष वकील और पीएमओ ऑफिस से अधिकृत जसमित सिंह ने कहा कि जिस तरह से सीबीएसई लोक प्राधिकरण है, उस तरह से सीआइएससीई नहीं है। यह केवल सोसायटी है और उस पर केंद्र सरकार का नियंत्रण नहीं है। इसलिए यह आरटीआई के दायरे से बाहर है। बताते चलें कि सीआइएससीई सीबीएसई की तरह ही देशभर में 10वीं और 12वीं की परीक्षा का आयोजित करती है।
17 नवंबर को होगी सुनवाई

इस संबंध में अब अगली सुनवाई 17 नवंबर को होगी। इस दौरान जस्टिस विभू बाखरू ने कहा कि विचित्र स्थिति है कि एक संस्था जो यही काम कर रही है वह आरटीआई के दायरे में है। लेकिन एक समान काम करने वाली संस्था इस दायरे से बाहर है। यह हैरान करने वाली बात है। पीएमओ ऑफिस से अधिकृत जसमित सिंह ने कहा कि जिस तरह से सीबीएसई लोक प्राधिकरण है, उस तरह से सीआइएससीई नहीं है। यह केवल सोसायटी है और उस पर केंद्र सरकार का नियंत्रण नहीं है। इसलिए यह आरटीआई के दायरे से बाहर है।
2011 में मांगी थी सूचना
याचिकाकर्ता ने केंद्रीय सूचना आयोग के उस फैसले के खिलाफ याचिका लगाई थी, जिसमें सीआइएससीई के संबंध में सूचना देने से मना कर दिया गया था। याचिकाकर्ता ने 2011 में सीआइएससीई के संबंध में सूचना मांगी थी, जिसमें परीक्षा विषयवार परीक्षा के आयोजन से लेकर कई परीक्षा में बैठने वाले बच्चों समेत कई अन्य सवाल पूछे गए थे। इस संबंध में सीआइएससीई ने यह कहते हुए जवाब देने से इन्कार कर दिया था कि वह आरटीआइ के दायरे में नहीं आते, इसलिए वह सूचना देने में असमर्थ है। जिसके बाद शिकायतकर्ता ने हाई कोर्ट जाने का फैसला किया। फिलहला मामले की अगली सुनवाई 17 सितंबर को होगी।
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