17 नवंबर को होगी सुनवाई इस संबंध में अब अगली सुनवाई 17 नवंबर को होगी। इस दौरान जस्टिस विभू बाखरू ने कहा कि विचित्र स्थिति है कि एक संस्था जो यही काम कर रही है वह आरटीआई के दायरे में है। लेकिन एक समान काम करने वाली संस्था इस दायरे से बाहर है। यह हैरान करने वाली बात है। पीएमओ ऑफिस से अधिकृत जसमित सिंह ने कहा कि जिस तरह से सीबीएसई लोक प्राधिकरण है, उस तरह से सीआइएससीई नहीं है। यह केवल सोसायटी है और उस पर केंद्र सरकार का नियंत्रण नहीं है। इसलिए यह आरटीआई के दायरे से बाहर है।
2011 में मांगी थी सूचना
याचिकाकर्ता ने केंद्रीय सूचना आयोग के उस फैसले के खिलाफ याचिका लगाई थी, जिसमें सीआइएससीई के संबंध में सूचना देने से मना कर दिया गया था। याचिकाकर्ता ने 2011 में सीआइएससीई के संबंध में सूचना मांगी थी, जिसमें परीक्षा विषयवार परीक्षा के आयोजन से लेकर कई परीक्षा में बैठने वाले बच्चों समेत कई अन्य सवाल पूछे गए थे। इस संबंध में सीआइएससीई ने यह कहते हुए जवाब देने से इन्कार कर दिया था कि वह आरटीआइ के दायरे में नहीं आते, इसलिए वह सूचना देने में असमर्थ है। जिसके बाद शिकायतकर्ता ने हाई कोर्ट जाने का फैसला किया। फिलहला मामले की अगली सुनवाई 17 सितंबर को होगी।
याचिकाकर्ता ने केंद्रीय सूचना आयोग के उस फैसले के खिलाफ याचिका लगाई थी, जिसमें सीआइएससीई के संबंध में सूचना देने से मना कर दिया गया था। याचिकाकर्ता ने 2011 में सीआइएससीई के संबंध में सूचना मांगी थी, जिसमें परीक्षा विषयवार परीक्षा के आयोजन से लेकर कई परीक्षा में बैठने वाले बच्चों समेत कई अन्य सवाल पूछे गए थे। इस संबंध में सीआइएससीई ने यह कहते हुए जवाब देने से इन्कार कर दिया था कि वह आरटीआइ के दायरे में नहीं आते, इसलिए वह सूचना देने में असमर्थ है। जिसके बाद शिकायतकर्ता ने हाई कोर्ट जाने का फैसला किया। फिलहला मामले की अगली सुनवाई 17 सितंबर को होगी।