इस कार्यक्रम में केंद्रीय नागर विमानन राज्य मंत्री जयंत सिन्हा, पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा भी मौजूद थे
रांची। झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने आरएनआर कॉलोनी का निर्माण कार्य तत्काल प्रभाव से रोकने का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार थर्ड पार्टी से गुणवत्ता की जांच कराएगी। इसके बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। साथ ही जमीन अधिग्रहण के कारण विस्थापित हो रहे लोगों को झारखंडवासी होने का पहचान देने का काम सरकार करेगी। नेतागीरी के नाम पर और उग्रवाद के नाम पर गुंडागर्दी करने वालों की अब नहीं चलेगी। मूल रैयतों के हक के साथ किसी भी प्रकार का खिलवाड़ नहीं होगा। सभी को उचित मुआवजा और सुविधाएं दी जाएंगी।
सीएम मंगलवार को झारखंड सचिवालय स्थित सभागार में एनटीपीसी मामले में बड़कागांव व अन्य क्षेत्र के ग्रामीणों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि 10 दिनों के भीतर सभी उठाए गए बिंदुओं एवं मांगों की जांच कराई जाएगी। इसके बाद फिर से ग्रामीणों के साथ बैठक कर मामलों का निपटारा किया जाएगा।
इस कार्यक्रम में केंद्रीय नागर विमानन राज्य मंत्री जयंत सिन्हा, पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा, हजारीबाग के विधायक मनीष जायसवाल, बड़कागांव की विधायक निर्मला देवी, जिला परिषद की अध्यक्ष सुशीला देवी, पूर्व विधायक लोकनाथ महतो समेत बड़ी संख्या में रैयतों व ग्रामीणों ने सुझाव दिये। बैठक में विकास आयुक्त अमित खरे, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव संजय कुमार, राजस्व विभाग के सचिव केके सोन सहित आदि मौजूद थे।
सीएम ने कहा कि सरकार ने निर्णय लिया है कि जमीन अधिग्रहण के पांच साल तक यदि काम शुरू नहीं किया गया, तो रैयतों को जमीन वापस कर दी जाएगी। ऐसा नियम बनाया जा रहा है। विस्थापितों को वहां चल रहे कामों में प्राथमिकता मिले, सरकार इसकी पक्षधर है। कुछ लोग सीधे-साधे ग्रामीणों को बरगला कर अपनी राजनीति करने में लगे हैं, उनके बहकावे में न आएं। सरकार रैयतों व किसानों के साथ है। नीति के अनुरूप लोगों को अधिकतम मुआवजा मिलेगा और कंपनी जो वादा कर रही है, उसे उसका पूर्णत: पालन करना पड़ेगा।