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Orissa High Court की NRIS कोटे पर तल्ख टिप्प्णी, कहा – एनएलयू में आरक्षण असंवैधानिक

locationनई दिल्लीPublished: Oct 24, 2020 09:12:35 pm

Submitted by:

Dhirendra

केवल पैसा खर्च करने वाले छात्रों के आरक्षण का प्रावधान तर्कसंगत नहीं।
एनआरआईएस कोटा प्रतिभाशाली छात्रों का मनोबल तोड़ने वाला।

Odish high court

केवल पैसा खर्च करने वाले छात्रों के आरक्षण का प्रावधान तर्कसंगत नहीं।

नई दिल्ली। उड़ीसा उच्च न्यायालय ( Orissa High Court ) ने नेशनल लॉ यूनिवर्सिटीज ( NLU ) में प्रवेश के लिए NRIS श्रेणी के छात्रों के लिए आरिक्षत ( Reservation ) कोटे पर शनिवार को तल्ख टिप्पणी की है। हाईकोर्ट ने कहा कि यह पूरी तरह से असंवैधानिक है। यह कोटा एनएलयू में प्रवेश पाने के लिए दिन रात मेहनत करने वाले प्रतिभाशाली छात्रों को हतोत्साहित करने वाला है।
इस व्यवस्था पर हो पुनर्विचार

उड़ीशा हाईकोर्ट ने यह भी कहा कि नेशनल लॉ यूनिवर्सिटीज, बार काउंसिल ऑफ इंडिया और इस प्रक्रिया में शामिल अन्य सभी हितधारकों के हितों को ध्यान में रखते हुए एनआरआईएस आरक्षण नए सिरे से लागू करना चाहिए। इस कोटा को लागू करते हुए विवेकपूर्ण और एक व्यवस्थित विनियमन होना चाहिए।
कोटा पैसे वालों के लिए विशेष आरक्षण जैसा

उड़ीसा हाईकोर्ट ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति संजू पांडा और न्यायमूर्ति एसके पाणिग्रही की खंडपीठ ने कहा कि एनआरआईएस कोटा अभिजात्य वर्ग के लिए विशेष आरक्षण जैसा है। इसके अलावा पीठ ने कहा है कि हम यह मानने के लिए विवश हैं कि NRIS श्रेणी के तहत आरक्षित सीटें CLAT (कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट) के माध्यम से NLUs में प्रवेश पाने के लिए हाड़तोड़ मेहनत करने वाले छ़ात्रों के लिए महत्वपूर्ण है।
सूप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला देते हुए बेंच ने कहा कि यह आरक्षण केवल इसलिए कि जो लोग पैसा ज्यादा दे सकते हैं वो इसके दम पर एनएलयू में प्रवेश ले सकते हैं। इसे तर्कसंगत नहीं कहा जा सकता है ।
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