बताया जा रहा है कि शुक्रवार को मुकुल वासनिक, पीसी चाको, मनिक्कम टैगोर, अविनाश पांडे समेत कई नेता पी चिदंबरम से मिलने तिहाड़ जेल पहुंचे थे। लेकिन, मुलाकात का वक्त ख्म होने के कारण सभी नेताओं को वापस लौट दिया गया। ये सभी नेता चिदंबरम से मिले बिना ही वापस लौट गए। गौरतलब है कि गुरुवार को सीबीआई की विशेष अदालत ने 14 दिनों के लिए चिदंबरम को जेल भेजा है।
इधर, राज्यसभा सदस्य केटीएस तुलसी और मनोज झा ने पी चिदंबरम के खिलाफ कार्रवाई कर रही जांच एजेंसियों की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने देश की कानून व्यवस्था पर भी सवाल खड़े किए हैं। तुलसी ने जांच एजेंसियों की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि वह केवल विपक्षी नेताओं को निशाना बना रहे हैं।
पढ़ें- तिहाड़ की उसी सेल में रहेंगे पी चिदंबरम जहां रहा था बेटा कार्ति राज्यसभा नेता तुलसी ने कहा कि इस मामले में मुझे ज्यादा जानकारी नहीं है। लेकिन, मुझे इतना कहना है कि देश में एक बहस छिड़ी हुई है कि जांच एजेंसियां केवल विपक्षी पार्टियों को निशाना बना रही है। उन्होंने कहा कि क्या देश में कोई कायदा कानून है या नहीं?
पढ़ें- INX मीडिया केसः तिहाड़ जेल जाने से पहले पी चिदंबरम ने बताई अपनी बड़ी चिंता क्या यह संभव है कि एजेंसियों ने निष्पक्ष होकर मामले की जांच की है? राज्यसभा सांसद ने कहा कि यह कानून का मखौल उड़ाना है। वहीं, आरजेडी के राज्यसभा सांसद मनोज झा ने कहा कि मैं माननीय अदालत के निर्देश पर किसी तरह की कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता, क्योंकि यह सही नहीं होगा। लेकिन अहम तथ्य यह है कि जांच एजेंसियों की कार्यप्रणाली कानून के साथ ही देश के लिए भी अच्छा संकेत नहीं है।