हालांकि ऐसी उम्मीद की जा रही थी कि दोनों राज्यों के विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान गुरुवार को किया जाएगा। लेकिन चुनाव आयोग ने केवल हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव की घोषणा की। हिमाचल में 9 नवंबर को वोटिंग और 18 दिसंबर को मतगणना होगी। मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि राज्य के मुख्य सचिव से आयोग को पत्र मिला है, जिसमें कहा गया है कि जुलाई में आई बाढ़ के चलते कई इलाकों में राहत और बचाव कार्य चल रहा है. इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार आयोग को वीवीपैट (VVPAT) की उपलब्धता भी सुनिश्चित करनी है।
कांग्रेस नेता मुकेश नायक ने चुनाव आयोग के फैसले पर हैरानी जताई और कहा कि आयोग का निर्णय समझ से परे हैं। अगर गुजरात में चुनाव में देरी होगी तो सत्ता में जो पार्टी है उसे जनता को लुभाने के लिए आधारहीन और गैरजरूरी लोकलुभावन घोषणाएं करने का वक्त मिल जाएगा जो चुनाव नतीजों को प्रभावित कर सकता है।
हालांकि बीजेपी प्रवक्ता सैयद जफर इस्लाम ने चुनाव आयोग के फैसले पर कहा कि दोनों राज्यों के चुनाव एक साथ घोषित नहीं हो सकते । क्योंकि हिमाचल विधानसभा का सत्र 7 जनवरी को औऱ गुजरात का 21 जनवरी को खत्म हो रहा। उन्होंने कहा कि जहां तक बात लोकलुभावन घोषणाएं की है तो उसके लिए सरकार अंतिम दिनों का इंतजार नहीं करती । पहले भी घोषणा कर सकती है।