भारतीय रेलवे पर कोरोना वायरस का असर दरअसल, कोरोना वायरस ( corona crisis ) का असर भारतीय रेलवे ( Indian Railway ) पर काफी ज्यादा पड़ा है। लॉकडाउन ( Lockdown ) के दौरान कुछ श्रमिक स्पेशल ट्रेनें ( Shramik Special Trains ) चलाई गईं। इसके बाद कुछ स्पेशल ट्रेनें अभी चल रही हैं। हालांकि, कुछ राज्य अब भी इसके पक्ष में नहीं हैं, क्योंकि उनके यहां यह महामारी काफी विकराल रूप धारण करता जा रहा है। महाराष्ट्र (coronavirus in Maharashtra), तमिलनाडु (COVID-19 in Tamil Nadu), पश्चिम बंगाल (West Bengal), ओडिशा और झारखंड (Jharkhand) जैसे राज्यों ने रेलवे से अपील की है कि अभी और नई स्पेशल ट्रेनें न चलाएं, क्योंकि हमारे यहां स्थिति बेहद गंभीर है। मामले की गंभीरता का अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि कई स्पेशल ट्रेनों को भी रद्द कर दिया गया है।
5 राज्यों ने रेलवे से और नई स्पेशल ट्रेनें न चलाने की मांग की मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रेलवे (Railway) ने गृह मंत्रालय (Home Ministery) के पास कुछ और स्पेशल ट्रेनों (Specail Trains) को चलाने की मंजूरी मांगी है। लेकिन, अब तक मंत्रालय की ओर से हरी झंडी नहीं दी गई है। वहीं, झारखंड सरकार (Jharkhand Government) का कहना है कि ट्रेनों के परिचान से राज्य में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं। हेमंत सरकार (Hemant Government) ने तो यहां तक कहा है कि उनके यहां 50 फीसदी मरीज बिहार (coronavirus in Bihar) के कारण संक्रमित हुए हैं। इतना ही नहीं पटना (Patna), रांची (Ranchi) के बीच चलने वाली जनशताब्दी ट्रेन को भी राज्य सरकार ने रद्द कर दिया है। वहीं, ममता सरकार (Mamta Government) ने भी पश्चिम बंगाल (coronavirus in West Bengal) में पाबंदी लगा दी है। कई ट्रेनों को साप्ताहिक ट्रेन करवा दिया गया है। 29 जुलाई को राज्य में सभी ट्रेनों को बंद करवा दिया गया है। सरकार का साफ कहना है कि ट्रेन चलने के कारण यह महामारी और फैल रही है। वहीं, कुछ राज्यो ने अब तक इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। बिहार में भी COVID-19 के मामले काफी तेजी से बढ़ रहे हैं। दूसरी तरफ बाढ़ का खतरा भी मंडराया हुआ है। लेकिन, नीतीश सरकार (Nitish Government) ट्रेनों के परिचालन पर कोई फैसला नहीं ल रही है। यहां आपको बता दें कि विगत एक जून से देश में 200 स्पेशल ट्रेनें चल रही हैं। हालांकि, राज्यों की अपील के बाद कई ट्रेनों को बंद कर दिया गया। हालांकि, चर्चा ये है कि मिड अगस्त से ट्रेनों का परिचालन सही तरीके से हो सकता है। अब देखना ये है कि इन राज्यों की अपील पर भारतीय रेलवे क्या फैसला लेती है।