जानकारी के मुताबिक, देश में करीब 10 राज्य कोरोना वायरस से सबसे ज्याद प्रभावित हैं। इनमें आठ राज्यों की हालत सबसे ज्यादा दयनीय है। रिपोर्ट के मुताबिक, देश में कोरोना वायरस के कुल मामलों में से 84 प्रतिशत केवल महाराष्ट्र, तमिलनाडु, दिल्ली, तेलंगाना, केरल, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश और कर्नाटक से मिले हैं। वहीं, केरल और कर्नाटक को छोड़कर शेष 8 राज्यों में कोरोना वायरस से संक्रमितों की तादात 1 अप्रैल से 8 अप्रैल के बीच दोगुनी हो गई है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, दिल्ली के तबलीगी जमात के मरकज के कारण देश में कोरोना वायरस के मामले केवल 4.1 दिन में ही दोगुने हो गए थे। ये राज्य महाराष्ट्र, तमिलनाडु, दिल्ली, तेलंगाना, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश हैं। वहीं, देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में महज दो दिनों में कोरोना संक्रमितों को आंकड़ा डबल हो गया है। 2 अप्रैल को दिल्ली में कोरोना वायरस से संक्रमितों की संख्या 223 थी। 4 अप्रैल को यह आंकड़ा बढ़कर 447 हो गया था। बताया जा रहा है कि दिल्ली में निजामुद्दीन और शाहदरा कोरोना वायरस का हॉटस्पॉट बना हुआ है। वहीं, बुधवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजीरवाल के आदेश के बाद दिल्ली के कई इलाकों को सील कर दिया गया है। यहां आपको बता दें कि दिल्ली में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 600 के पार पहुंच चुका है, जबकि मरने वालों की संख्या 9 है। वहीं, महाराष्ट्र की बात की जाए तो यहां कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 1135 हो गया है, जबकि मरने वालों की संख्या 72 पहुंच चुकी है। जबकि तमिलनाडु में कोरोना वायरस से 738 लोग संक्रमित हो चुके हैं और 8 लोगों की मौत हो चुकी है।
वहीं, उत्तर प्रदेश और तेलंगाना में भी तीन दिन में मरीजों की संख्या डबल हुई है। तेलंगाना में 3 अप्रैल को संक्रमितों की संख्या 161 थी जो 6 अप्रैल को 322 हो गई। उत्तर प्रदेश में भी 2 अप्रैल को 114 मरीज थे जो 5 अप्रैल को बढ़कर 231 हो गए। उत्तर प्रदेश में कुल मरीजों की संख्या 361 हो गई है, जबकि चार लोगों की मौत हो चुकी है। इधर, केरल और कर्नाटक में कोरोना की रफ्तार धीमी पड़ी है।