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Coronavirus: कोरोना को हराने भारतीय रेलवे भी हुआ तैयार, आइसोलेशन सेंटर बनेंगे ट्रेन के कोच

locationनई दिल्लीPublished: Mar 28, 2020 02:23:32 pm

Submitted by:

Naveen

कोरोना वायरस ( Coronavirus ) के खिलाफ जंग में भारतीय रेल ( Indian Railway ) भी आगे आया है।
भारतीय रेल ने ट्रेन के डिब्बों को आइसोलेशन कोच ( Isolation Coaches ) में बदलने का निर्णय लिया है।
रेलवे के इन कोचों में कोरोना के संदिग्धों या संक्रमित मरीजों को आइसोलेट किया जा सकेगा।

Indian Railways Convert Train Coaches into Isolation Ward

शादाब अहमद, नई दिल्ली।
कोरोना वायरस ( Coronavirus ) के खिलाफ जंग में भारतीय रेल ( Indian Railway ) भी आगे आया है। भारतीय रेल ने ट्रेन के डिब्बों को आइसोलेशन कोच ( Isolation Coaches ) में बदलने का निर्णय लिया है। रेलवे के इन कोचों में कोरोना के संदिग्धों या संक्रमित मरीजों को आइसोलेट किया जा सकेगा। बता दें कि देश में कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। अब तक इस वायरस से संक्रमित मरीजों की संख्या 850 को भी पार कर चुकी है। देश में इस वायरस से अब तक 20 लोगों की मौत हो चुकी है। भविष्य में मरीजों की संख्या बढ़ने की आशंका को देखते हुए रेल मंत्रालय ने डिब्बों को आइसोलेशन सेंटर बनाने का बड़ा कदम उठाया है।

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मरीज के लिए होंगे इंतजाम
कोच में मरीज के लिए सभी तरह के इंतजाम होंगे। आइसोलेशन कोच तैयार करने के लिए बाथरूम, गलियारे और दूसरी जगहों पर भी बदलाव किया गया है। मरीज के भोजन व दवाइयों के साथ उनके नहाने की व्यवस्था की गई है।

3000 ट्रेनों की ली जा सकती है मदद
बता दें कि लॉकडाउन ( COVID-19 Lockdown ) के चलते रेल सेवाएं स्थगित हैं। रेल मंत्रालय का कहना है कि अगर जरूरत पड़ी तो देश में 3000 ट्रेनों में आइसोलेशन सेंटर बनाया जा सकता है। इससे पहले रेल मंत्री पीयूष गोयल ( Railway Minister Piyush Goyal ) ने भी ट्वीट कर बताया कि कोरोना वॉयरस ( Coronavirus India ) के खिलाफ इस लड़ाई में रेलवे अपनी जिम्मेदारी को पूरी निष्ठा से निभा रहा है।

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https://twitter.com/hashtag/Coronavirus?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw

डिब्बों में किया गया बदलाव
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, रेल के डिब्बों को आइसोलेशन सेंटर बनाने के लिए मीडिल बर्थ को हटाया गया है। मरीज के बर्थ के सामने वाली तीनों बर्थ को भी हटा दिया गया है। सीट पर चढ़ने के लिए लगी सीढ़ियों को निकाला गया है।

4 दिन में 1.6 लाख से भी अधिक वैगनों की आपूर्ति
देश में खाद्यान्न आपूर्ति को बनाए रखने के भारतीय रेल भरसक प्रयास कर रही है। लॉक डाउन के दौरान पिछले चार दिनों में 1.6 लाख से भी अधिक वैगनों की आपूर्ति की गई। इनमें देश भर में खाद्यान्न, नमक, चीनी, दूध, खाद्य तेल, प्याज, फल- सब्जियों, पेट्रोलियम उत्पादों, कोयला एवं उर्वरक जैसी आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति की गई है।

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रेलवे मंत्रालय की ओर से बताया गया कि 23 मार्च को 26,577 वैगन खाद्यान्न, नमक, खाद्य तेल, चीनी, दूध, फल एवं सब्जियों, प्याज, कोयला और पेट्रोलियम उत्पादों जैसी आवश्यक वस्तुओं के लिए लोड किए गए थे। इनमें खाद्यान्न के 1168 वैगन, फलों एवं सब्जियों के 42 वैगन, प्याज के 42 वैगन, चीनी के 42 वैगन, नमक के 168 वैगन, दूध के 20 वैगन, कोयले के 22473 वैगन, और पेट्रोलियम उत्पादों के 2322 वैगन शामिल हैं।

जबकि 24 मार्च को 27,742 वैगन लोड किए गए, जिनमें खाद्यान्न के 1444 वैगन, फलों व सब्जियों के 84 वैगन, नमक के 168 वैगन, दूध के 15 वैगन, खाद्य तेल के 50 टैंक, कोयले के 24207 वैगन, और पेट्रोलियम उत्पादों के 1774 वैगन शामिल हैं। इसी तरह 25 मार्च को 23,097 वैगन लोड किए गए। इनमें खाद्यान्न के 876 वैगन, चीनी के 42 वैगन, नमक के 42 वैगन, दूध के 15 वैगन, कोयले के 20418 वैगन, और पेट्रोलियम उत्पादों के 1704 वैगन शामिल हैं। जबकि 26 मार्च को 24,009 वैगन लोड किए गए थे। इनमें खाद्यान्न के 1417 वैगन, चीनी के 42 वैगन, नमक के 42 वैगन, कोयले के 20784 वैगन, और पेट्रोलियम उत्पादों के 1724 वैगन शामिल हैं।

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अप्रत्याशित घटना माना
रेल मंत्रालय ने 22 मार्च से 14 अप्रेल, की अवधि ‘अप्रत्याशित घटना’ के तहत मानते हुए बड़ी राहत दी है। इसके तहत इस अवधि में कोई भी विलम्ब शुल्क, स्थान शुल्क, माल ढ़ेर लगाने का शुल्क, शेड में माल रखने का शुल्क, अवरोध शुल्क, स्थान उपयोग शुल्क आदि नहीं लगाया जाएगा।

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