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नोएडा के सोरखा पंचायत घर में एक-एक अन्न के लिए मोहताज हैं सैकड़ों मजदूर

कहने को तो नोएडा अथॉरिटी की ओर से रोज इन्हें दोनों समय भोजन मुहैया कराया जा रहा है, लेकिन खाने के कुछ ही पैकेट बांट कर खाना-पूर्ति कर ली जा रही है। ऐसे में बड़ी संख्या में मजदूर भूखे-प्यासे रहने को मजबूर हैं। पत्रिका संवाददाता शैलेंद्र पांडेय ने हालात का जायजा लिया।

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नई दिल्ली। कोरोना वायरस को लेकर देशभर में लॉकडाउन है। ऐसे में दिहाड़ी मजदूरों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। दिल्ली नोएडा में हजारों मजदूर भूखे प्यासे रहने को मजबूर हैं। पुलिस लोगों को खाना और रहने की व्यवस्था कर रही है। लेकिन प्रशासन की व्यवस्था पर्याप्त नहीं दिख रही है। नोएडा के सोरखा ग्राम पंचायत में सैकड़ों मजदूर रुके हुए हैं। लेकिन इन मजदूरों का आरोप है कि इन्हें खाना नहीं मिल रहा है।

नोए़डा ऑथरिटी से नहीं मिल रही मदद- मजदूर

कहने को तो नोएडा अथॉरिटी की ओर से रोज इन्हें दोनों समय भोजन मुहैया कराया जा रहा है, लेकिन खाने के कुछ ही पैकेट बांट कर खाना-पूर्ति कर ली जा रही है। ऐसे में बड़ी संख्या में मजदूर भूखे-प्यासे रहने को मजबूर हैं। उत्तर प्रदेश के बरेली के रहने वाले आशीफ नोएडा की एक कंपनी में दिहाड़ी मजदूरी करते थे, लेकिन कंपनी बंद होने से वह भी पिछले 5 दिनों से इसी पंचायत में रुके हुए हैं। आशीफ का कहना है कि वह 48 घंटों से पानी पीकर रह रहे हैं। आशीफ कहता है कि खाना मांगने पर पुलिस डंडे मार रही है।

पानी पीकर पंचायत घर में रुके हैं मजदूर

उत्तर प्रदेश के बरेली के रहने वाले आशीफ नोएडा की एक कंपनी में दिहाड़ी मजदूरी करते थे, लेकिन कंपनी बंद होने से वह भी पिछले 5 दिनों से इसी पंचायत में रुके हुए हैं। आशीफ का कहना है कि वह 48 घंटों से पानी पीकर रह रहे हैं। आशीफ कहता है कि खाना मांगने पर पुलिस डंडे मार रही है।

बच्चों को भी नहीं मिल रहा खाना

वहीं उत्तर प्रदेश के उरई की रहने वाली एक महिला मजदूर अपने बच्चों के साथ सोरखा पंचायत में चार दिनों से रुकी है। उनका दर्द भी कोई कम नहीं है। तीन बच्चों की मां कहती है कि प्रशासन की ओर से थोड़ी सी खिचड़ी दी गई है। उससे कुछ भी नहीं हो रहा है सभी लोग दो दिनों से भूखे प्यासे पंचायत भवन में रुकी हुई है। पत्रिका संवाददाता शैलेंद्र पांडेय ने पूरे हालात का जायजा लिया।


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