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कामयाबी: पुणे के वैज्ञानिकों का कमाल- कोरोना का पहला स्वदेशी टेस्टिंग किट तैयार

कोरोना के खिलाफ चल रही जंग में पुणे के वैज्ञानिकों को बड़ी कामयाबी मिली
मायलाइफ नामक कंपनी ने तैयार की कोरोना की जांच के लिए एक स्वदेशी किट

Mar 24, 2020 / 09:20 pm

Mohit sharma

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ओम सिंह राजपुरोहित
पुणे. कोरोना के खिलाफ चल रही जंग में पुणे के वैज्ञानिकों को बड़ी कामयाबी मिली है। मायलाइफ नामक कंपनी ने कोरोना की जांच के लिए एक स्वदेशी किट तैयार की है। इस किट की मदद से एक बार में 100 लोगों की जांच हो सकती है। इसका नाम मायलैब पैथोडिटेक्ट कोविड-19 क्वॉलिटेटिव पीसीआर किट है। इसे केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) की मंजूरी मिल गई है। मायलाइफ का दावा है कि इस किट से एक लैब में रोजाना कोरोना के एक हजार टेस्ट किए जा सकेंगे। अभी एक लैब में औसतन दिन भर में 100 कोरोना नमूनों की जांच हो पाती है।

 

कोरोना के आठ नए मामले, कुल संख्या 41 हुई

कंपनी के प्रबंध निदेशक हसमुख रावल ने बताया, सरकारी सहयोग और ‘मेक इन इंडियाÓ पर जोर देते हुए मायलाइफ ने कोविड-19 की जांच के लिए यह किट तैयार किया है। इसे विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) और अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (सीडीसी) के दिशा-निर्देशों के अनुरूप रिकॉर्ड समय में विकसित किया गया है। कोरोना वायरस की जांच किट को स्थानीय स्तर पर बनाने से इसकी मौजूदा लागत एक चौथाई रह जाएगी। मतलब यह कि कोरोना के महंगे टेस्ट से लोगों को राहत मिलेगी।

 

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एचआईवी जांच संभव
मायलैब ब्लड बैंकों, अस्पतालों के लिए एचआईवी जांच किट बनाती है। कंपनी के कार्यकारी निदेशक शैलेंद्र कावडे ने कहा, हम देश में किफायती दर पर किट उपलब्ध कराने की कोशिश कर रहे हैं। चूंकि यह परीक्षण संवेदनशील तकनीक पर आधारित है, इसलिए प्रारंभिक चरण के संक्रमण का भी पता लगाया जा सकता है। इस किट के जांच नतीजे काफी सटीक हैं। इससे एचआईवी जांच भी संभव है।

 

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जांच के मामले में पीछे
कोरोना जांच के मामले में भारत दुनिया में सबसे पीछे है। प्रति 10 लाख की आबादी में 6.8 लोगों का परीक्षण किया गया है। अन्य देशों के मुकाबले यह बहुत कम है। मायलैब की किट से कोरोना की जांच किफायती होगी। साथ ही लैब की टेस्टिंग क्षमता भी बढ़ेगी।

 

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जर्मनी से मंगाए किट
कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए भारत सरकार ने जर्मनी से लाखों टेस्टिंग किट मंगाए हैं। लेकिन, अब विदेश से कोरोना जांच किट आयात करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। मायलैब का दावा है कि आने वाले समय में वह एक हफ्ते में एक लाख किट बना सकती है।

 

दौड़ में दिल्ली आईआईटी
दिल्ली आईआईटी की एक टीम भी कोरोना जांच किट तैयार कर चुकी है। लेकिन, अभी उसे सीडीएससीओ की मंजूरी नहीं मिली है। सूत्रों के अनुसार दिल्ली आईआईटी द्वारा तैयार किट की लागत भी किफायती है। फिलहाल कोरोना जांच 4 हजार रुपए में होती है। स्वदेशी किट उपलब्ध होने के बाद कोरोना जांच की लागत किफायती होगी।

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