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Coronavirus ने संसद तक पसारे पांव, राज्यसभा सचिवालय के निदेशक COVID-19 Positive

locationनई दिल्लीPublished: May 29, 2020 04:32:42 pm

Parliament की पहली मंजिल पर मौजूद निदेशक का दफ्तर किया गया CoronaVirus Sanitization
RajyaSabha सचिवालय अधिकारी के संपर्क में आए लोग भी कराएंगे COVID-19 Test
देश में तेजी से बढ़ रहे हैं Coronavirus cases in India, 24 घंटे में रिकॉर्ड 7466 केस।

rajya sabha secretariat sealed

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नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी ( Coronavirus Cases in India ) से जूझ रहे देश में अब इसकी चपेट में संसद ( Parliament ) तक आ गई है। राज्यसभा ( Rajya Sabha ) सचिवालय में निदेशक स्तर पर कार्यरत एक अधिकारी की COVID-19 रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। रिपोर्ट के नतीजे आने के बाद से संसद भवन स्थित उनके दफ्तर को सील कर दिया गया है।
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ना केवल राज्यसभा सचिवालय के निदेशक बल्कि उनकी पत्नी और बच्चे भी कोरोना वायरस से संक्रमित coronavirus us Postitve ) बताए जा रहे हैं। उनका दफ्तर संसद भवन एनेक्सी के पहले तल पर रूम नंबर 120 में है। यह अधिकारी गुरुवार 28 मई को भी ऑफिस आए थे।
जानकारी मिलने के बाद संसद की सुरक्षा में तैनात सिक्योरिटी सर्विस ने उनके दफ्तर को सैनेटाइज ( Coronavirus Sanitization ) कर सील कर दिया है। इसके अलावा पहली मंजिल के सभी गेट, वॉशरूम आदि को भी सैनेटाइज किया गया है। राज्यसभा सचिवालय ने उन सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को सजग रहने के निर्देश जारी किए हैं, जो इन अधिकारी के संपर्क में आ चुके हैं। संपर्क में आने वाले लोग अब एहतियातन COVID-19 टेस्टिंग कराने की तैयारी में हैं।
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वहीं, प्रवासी मजदूरों ( Migrant Labourers ) की घर वापसी और लॉकडाउन ( Lockdown ) में ढील दिए जाने से इसने काफी दूर तक पैर पसार लिए हैं। हालांकि राज्यवार आंकड़ों को देखें तो पता चलता है कि कोरोना वायरस के कुल रोगियों ( Covid-19 Patients ) में से बहुत कम को ही गंभीर देखभाल की जरूरत होती है।
कोरोना वायरस ( coronavirus s ) से सबसे ज्यादा प्रभावित महाराष्ट्र ( Maharashtra ), दिल्ली ( Delhi ), गुजरात ( Gujarat ) और तमिलनाडु ( Tamil Nadu ) जैसे राज्यों में भी इन मरीजों को ICU ( Intensive Care Unit ) की कम ही आवश्यकता होती है। यही हाल वेंटिलेटर्स ( Ventilator ) की जरूरत का भी है।
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27 मई तक कुल 83,004 एक्टिव केस में से 3500 से कम को किसी भी ऑक्सीजन थेरेपी ( Oxygen ), आईसीयू या वेंटिलेटर जैसी किसी गंभीर स्वास्थ्य देखभाल सेवा ( Critical Care Unit ) की जरूरत आन पड़ी। अब तक कुल 1,868 रोगियों को आईसीयू (2.25 प्रतिशत) की जरूरत पड़ी, जिनमें से सिर्फ तीन वेंटिलेटर पर थे। जबकि 1585 लोग (1.91 प्रतिशत) ही ऑक्सीजन पर थे। देश में कोरोना वायरस के पहले मामले के सामने आने के बाद से यह चलन तकरीबन एक सा ही बना हुआ है।
https://youtu.be/_nDwXs0uLrw
गौरतलब है कि पिछले 24 घंटों में 7466 नए केस और 175 मौतों के साथ देश में कोरोना वायरस मामलों की कुल संख्या 1,65,799 तक पहुंच गई। फिलहाल देश में 89,987 एक्टिव केस हैं जबकि 71,105 ठीक होकर वापस चले गए और 4706 की मौत हो गई।
27 मई तक भारत में 1,58,747 आइसोलेशन बेड, 20,355 आईसीयू बेड और 69,076 ऑक्सीजन-सपोर्टेड बेड के साथ 930 डेडिकेटेड कोरोना अस्पताल थे। जबकि 1,32,593 आइसोलेशन बेड, 10,903 आईसीयू बेड और 45,562 ऑक्सीजन-सपोर्टेड बेड के साथ 2,362 डेडिकेटड COVID हेल्थ सेंटर्स और 6,52,830 बेड के साथ 10,341 क्वारंटाइन सेंटर्स और 7,195 कोविद केयर सेंटर मौजूद थे।

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