“इस्पाती इरादों से हुई शुरुआत”
केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि पूर्वी भारत की देश के स्वतंत्रता आंदोलन से लेकर सामाजिक पुनर्जागरण में बड़ी भूमिका रही है। लेकिन देश को आर्थिक और सामाजिक नेतृत्व प्रदान करने वाली यह भूमि सामाजिक और आर्थिक मानकों में अपना वह स्थान बरकरार नहीं रख पाई, जिसकी वह हक़दार है। इसके पीछे नीतियों की स्पष्टता का अभाव रहा, किन्तु वर्तमान सरकार पूर्वी भारत को देश की तरक्की का इंजन बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। इस दिशा में मोदी सरकार ने पिछले कार्यकाल मे ही कार्य शुरू कर दिया था, अब हम मिशन पूर्वोदय के जरिए इस क्षेत्र की क्षमता और विकास की संभावनाओं को एकीकृत करेंगे। इसकी शुरुआत इस्पात इरादों के साथ इस्पात क्षेत्र से होगी ।
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रोजगार और निवेश की ‘पाइपलाइन’
इस मौके पर प्रधान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार 102 लाख करोड़ की नेशनल इंफ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन परियोजना भी शुरू करने जा रही है । इस परियोजना के तहत सड़क और समुद्री मार्ग में पेट्रो-गैस पाइपलाइन का नेटवर्क भी बढ़ाया जाएगा । ख़ास बात यह है कि गैस पाइपलाइन परियोजनाओं में छोटे शहरों को विशेष रूप से शामिल किया जा रहा है। प्रधान ने बताया कि मिशन पूर्वोदय में नॉलेज और तकनीक के नए प्रयोग के जरिए पूर्वी भारत को कुछ इस तरह विकसित किया जाएगा जिससे यह क्षेत्र भविष्य के उद्योगों के लिए नई औद्योगिक क्रांति की राह तैयार कर सके।
इन राज्यों में स्थापित होंगे स्टील क्लस्टर
मिशन पूर्वोदय के जरिए ओडिसा, झारखण्ड, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश के उत्तरी हिस्से में स्टील क्लस्टर बनाए जाएंगे।