हरियाणा में corona का आंकड़ा 2600 के पार
देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली ( Delhi ) से सटे राज्य हरियाणा में भी कोरोना ( COVID-19 ) ने तांडव मचाना शुरू कर दिया है। राज्य में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 2600 के पार पहुंच चुका है। इसमें अकेले गुरुग्राम में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा एक हजार के पार है। जिले में कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या 1063 हो गई है। लिहाजा, इस महामारी को रोकने के लिए जिला प्रशासन ने गुरुग्राम को सात जोन में बांटा है। ताकि, इस वायरस की चेन को तोड़ा जा सके। अधिकारियों का कहना है कि गुरुग्राम को सात जोन में बांटने और निगरानी बढ़ाने से जरूर फायदा होगा।
सात जोन में बंटा गुरुग्राम डिप्टी कमिश्नर अमित खत्री ( Amit Khatri) ने बताया कि जिले को सात क्षेत्रों में विभाजित किया गया है, जिनमें गुरुग्राम शहर में पांच क्षेत्र , दो सोहना और पटौदी ब्लॉक शामिल हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक ज़ोन में कई नियंत्रण क्षेत्र होंगे, जिसके जरिए कोविड -19 मामलों का पता लगाया जाएगा। जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ( Health Department ) के अधिकारियों ने इन सात क्षेत्रों की देखभाल के लिए एक नोडल अधिकारी को नियुक्त किया है। गौरतलब है कि वर्तमान में गुरुग्राम में 63 कंटेनमेंट जोन ( Containment Zone ) हैं।
गुरुग्राम में एक हजार से ज्यादा COVID-19 के मामले रिपोर्ट के मुताबिक, मंगलवार को गुरुग्राम में कोरोना ( coronavirus in gurugram ) के 160 नए मामले सामने आए हैं। इस आंकड़े के साथ जिले में कोरोना मरीजों की कुल संख्या 1,063 पहुंच गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि विगत 26 मई से गुरुग्राम में कोरोना केस में 200% से अधिक की वृद्धि हुई है। शहर में 28 मई को जहां कोरोना के 68 मामले आए। वहीं, 29 मई को 115 मामले, 30 मई को 157, 31 मई को 97 मामले और 1 जून को 129 नए मामले रिकॉर्ड किए गए हैं। प्रशासन की नई योजना के तहत, सिविल सर्जन कार्यालय में एक अलग नियंत्रण कक्ष स्थापित किया जाएगा, जहां से COVID-19 का डेटा हर क्षेत्र के नोडल अधिकारियों के साथ साझा किया जाएगा।
इस तरह होगी निगरानी गौरतलब है कि स्वास्थ्य सेवाएं (प्रशिक्षण) के निदेशक डॉ. असरुद्दीन ( Dr Asruddin ) को गुरुग्राम और फरीदाबाद में स्थिति की निगरानी के लिए नियुक्त किया गया था। उन्होंने कहा कि नए क्षेत्रों के आधार पर कोरोना के मामले को अलग किया जाएगा। नोडल अधिकारी जल्द से जल्द से मरीजों तक पहुंचने के लिए PHC और CHC की स्वास्थ्य टीमों के साथ समन्वय स्थापित करेगा। इसके बाद स्वास्थ्य टीम यह तय करेगी कि मरीजों को हॉस्पिटल ले जाना है या फिर घर में ही आइसोलेशन होना पड़ेगा।