कोरोना से जंग हार गए मुंबई हमले के ‘हीरो’ जानकारी के मुताबिक, 50 साल आजम पटेल (Azam Patel corona Positive) ने मुंबई हमले (Mumbai Attack) में कई लोगों की जान बचाई थी। कुछ दिन पहले उनमें कोरोना के लक्षण दिखे थे। जांच रिपोर्ट में पटेल कोरोना पॉजिटिव (corona Positive) निकले। इसके बाद उन्हें हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। लेकिन, उन्हें बचाया नहीं जा सका। 26/11 टेरर अटैक केस के जांच अधिकारी रमेश महाले ( Ramesh Mahale ) ने एक मीडिया हाउस से बातचीत के दौरान बताया कि आजम पटेल ने काफी समय तक उनके साथ काम किया था। उन्होंने बताया कि जिस समय मुंबई में आतंकी (Mumbai Terror Attack) हमला हुआ था, उस वक्त आजम पटेल मेट्रो सिनेमा ( Metro Cinema ) के पास थे। वहीं, अबू इस्माइल ( Abu Ismail ) और अजमल कसाब ( Ajmal Kasab ) कामा अस्पताल वाली गली में कई पुलिसकर्मियों पर फायरिंग करते हुए मेट्रो सिनेमा के पास से हुए गुजर रहे थे। माहौल को बिगड़ता देख आजम पटेल (Azam Patel Save Dozen People Life) ने चिल्लाते हुए कहा कि सब लोग तुरंत लेट जाओ, लेट जाओ नहीं तो कोई नहीं बचेगा। आजम की इस आइडिया से उस वक्त दर्जनों लोगों की जिंदगी बच गई थी।
अंडरवर्ल्ड तक थी आजम पटेल की पकड़ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस्पेक्टर आजम पटेल का लिंक काफी जबरदस्त था। अंडरवर्ल्ड ( Underworld ) तक उनकी पकड़ थी। रिपोर्ट की मानें तो मेट्रो सिनेमा के पास एक दरगाह है, जहां अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम ( Daud Ibrahim ) का भाई इकबाल ( Iqbal Kaskar ) हफ्ते में एक बार जरूर आता है। आजम पटेल को इसकी सूचना दी थी। तभी उन्हें यह भी जानकारी मिली कि इकबाल कासकर की हत्या की सुपारी दी गई है। उसने तुरंत क्राइम ब्रांच एडिशनल सीपी देवेन भारती ( Deven Bharti ) को इस बारे में जानकारी दी गई। जिसके बाद इकबाल को अलर्ट कर दिया गया और उसकी जान बच गई। इतना ही नहीं पटेल ने 11/7 मुंबई ट्रेन ब्लास्ट के एक आरोपी को भी पकड़कर STF को सौंपा था। पटेल कई विभागों में काम कर चुके हैं। महाराष्ट्र STF चीफ देवेन भारती का कहना है कि हमने एक बहुत अच्छा पुलिस अधिकारी खो दिया।