तीन महीने से भी ज्यादा वक्त बाद देश में कोरोना वायरस का अनोखा केस आया सामने, घोड़े को किया क्वारंटाइन दरअसल यह दोनों ही घटनाएं प्रवासी मजदूरों ( Migrant Labour ) की मजबूरी और दयनीय स्थिति बयां करने के लिए काफी हैं। इस घटना का एक वीडियो बिहार के संजय यादव ने ट्विटर पर शेयर किया है। इस वीडियो क्लिप में साफ देखा जा सकता है कि रेलवे स्टेशन पर एक औरत का शव कफन से ढका पड़ा हुआ है। जबकि उसका बच्चा बार-बार उस कफन को हटाकर मां को जगाने की असफल कोशिश कर रहा है।
श्रमिक ट्रेन के जरिये गुजरात से बिहार ( Bihar ) के मुजफ्फरपुर पहुंची इस महिला के बारे में बताया गया है कि भूख, डिहाइड्रेशन और भीषण गर्मी के चलते उसकी मौत हो गई। स्टेशन पर उसके शव को रखा गया, लेकिन मासूम बच्चा तो अपनी मां के पास जाने और उसे उठाने में ही लगा रहा। उस मासूम को यह समझाना कि उसकी मां अब इस दुनिया में नहीं है, किसी के बस की बात नहीं है।
महिला के परिजनों के मुताबिक ट्रेन के भीतर खाने-पीने के लिए कुछ नहीं मिला और महिला काफी भूखी-प्यासी थी। इसके चलते उसकी तबीयत खराब हो गई। शनिवार को वह गुजरात ( Gujarat ) से ट्रेन में बैठी थी और सोमवार को मुजफ्फरपुर रेलवे स्टेशन पहुंचने के कुछ ही देर बाद वह चल बसी। भूखा-प्यासा बच्चा भी अपनी मां को जगाने में लगा रहा, हालांकि बाद में एक दूसरे लड़के ने उस मासूम को वहां से हटा दिया।
वहीं, एक अन्य मामले में इसी रेलवे स्टेशन पर एक ढाई वर्षीय मासूम ने दम तोड़ दिया। बच्चे के परिजनों के मुताबिक उसकी मौत ट्रेन में खाना-पीना ना मिलने और जबर्दस्त गर्मी के चलते हो गई। पहले उसकी तबीयत खराब हुई। उसने मां से दूध मांगा लेकिन भूखी-प्यासी मां के दूध नहीं उतरा, तो उसकी हालत बिगड़ गई।
तीन महीने से भी ज्यादा वक्त बाद देश में कोरोना वायरस का अनोखा केस आया सामने, घोड़े को किया क्वारंटाइन बिहार के बेतिया में रहने वाले बच्चे के पिता मकसूद आलम ने बताया कि वह दिल्ली में पेंटर है। रविवार को श्रमिक स्पेशल ट्रेन के जरिये दिल्ली से बिहार के लिए बैठा था। रास्ते में खाना-पीना नहीं मिला और सोमवार सुबह जब तक उसकी ट्रेन मुजफ्फरपुर पहुंची बच्चे की हालत खराब हो चुकी थी।
मकसूद आलम ने रेलवे स्टेशन पर मौजूद जिला प्रशासन और पुलिस पर उसकी मदद ना करने का आरोप लगाया। उसने कई लोगों के सामने बच्चे का इलाज कराने के लिए हाथ जोड़े लेकिन किसी ने एक ना सुनी। करीब चार घंटे तक स्टेशन पर मदद मांगने के बावजूद कुछ ना हुआ और बच्चे ने दम तोड़ दिया।