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Coronavirus के नए स्ट्रेन का ‘R’ नंबर से है खास कनेक्शन, ये बताएगा कब खत्म होगी महामारी

Coronavirus new strain : आर नंबर रिप्रोडक्शन के बारे में बताता है, वैज्ञानिकों के अनुसार आर नंबर के ज्यादा होने से महामारी बढ़ती है
आर नंबर निकालने के लिए कोरोना संक्रमित मरीजों के आंकड़े एवं अन्य जानकारियां जुटाई जाती हैं

नई दिल्लीJan 03, 2021 / 07:53 pm

Soma Roy

Coronavirus new strain

नई दिल्ली। कोरोना महामारी के ओरिजनल वायरस से अभी तक लोगों का पीछा नहीं छूटा, वहीं अब इसके नए स्ट्रेन ने लोगों को अपनी गिरफ्त में लेना शुरू कर दिया है। वैज्ञानिकों के मुताबिक ये नया वायरस पहले से ज्यादा खतरनाक है। एक अध्ययन में पाया गया है कि कोविड-19 का नया वैरिएंट रिप्रोडक्शन (प्रजनन) नंबर या आर नंबर को 0.4 से 0.7 के बीच बढ़ा देता है। जिससे महामारी तेजी से फैलती है। ऐसे में एक्स्पर्ट्स का कहन है कि आर नंबर के 1.0 से नीचे आने पर ही महामारी से निजात मिलने की संभावना है। वरना ये और तेजी से फैलेगा।
क्या है आर नंबर
आर नंबर का मतलब है कि एक संक्रमित व्यक्ति औसतन कितने लोगों को संक्रमित कर सकता है। अगर ये एक नंबर से ज्यादा है तो महामारी बढ़ेगी। आर नंबर निकालने के लिए वायरस से मरने वाले, अस्पताल में भर्ती या वायरस से पॉजिटिव होने वाले लोगों की संख्या का आंकड़ा जुटाया जाता है। इसके बाद ही वायरस के फैलने की क्षमता का अनुमान लगाया जाता है।
क्यों बढ़ रहा हैं संक्रमण
इंपीरियल कॉलेज के एक अध्ययन के मुताबिक इंग्लैंड के नवंबर के लॉकडाउन में नए प्रकार का संक्रमण तीन गुना हो गया था और पिछले वैरिएंट का संक्रमण घटकर एक तिहाई रह गया था। दूसरी लहर के दौरान कोविड-19 के मामले तेज़ी से बढ़ने लगे है क्योंकि आर नंबर यानि रिप्रोडक्श्न नंबर तेजी से बढ़ रहे हैं। आधिकारिक तौर पर सार्स कोविड-2, का आर नंबर तीन के करीब है। अगर आर नंबर एक से ज्यादा है तो इसका मतलब है कि संक्रमण के मामले बढ़ेंगे। क्योंकि एक संक्रमित व्यक्ति कम से कम एक व्यक्ति में संक्रमण फैला सकता है। वहीं आर नंबर के एक से कम होने पर इसका प्रसार रुकता है।

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