क्या है आर नंबर
आर नंबर का मतलब है कि एक संक्रमित व्यक्ति औसतन कितने लोगों को संक्रमित कर सकता है। अगर ये एक नंबर से ज्यादा है तो महामारी बढ़ेगी। आर नंबर निकालने के लिए वायरस से मरने वाले, अस्पताल में भर्ती या वायरस से पॉजिटिव होने वाले लोगों की संख्या का आंकड़ा जुटाया जाता है। इसके बाद ही वायरस के फैलने की क्षमता का अनुमान लगाया जाता है।
आर नंबर का मतलब है कि एक संक्रमित व्यक्ति औसतन कितने लोगों को संक्रमित कर सकता है। अगर ये एक नंबर से ज्यादा है तो महामारी बढ़ेगी। आर नंबर निकालने के लिए वायरस से मरने वाले, अस्पताल में भर्ती या वायरस से पॉजिटिव होने वाले लोगों की संख्या का आंकड़ा जुटाया जाता है। इसके बाद ही वायरस के फैलने की क्षमता का अनुमान लगाया जाता है।
क्यों बढ़ रहा हैं संक्रमण
इंपीरियल कॉलेज के एक अध्ययन के मुताबिक इंग्लैंड के नवंबर के लॉकडाउन में नए प्रकार का संक्रमण तीन गुना हो गया था और पिछले वैरिएंट का संक्रमण घटकर एक तिहाई रह गया था। दूसरी लहर के दौरान कोविड-19 के मामले तेज़ी से बढ़ने लगे है क्योंकि आर नंबर यानि रिप्रोडक्श्न नंबर तेजी से बढ़ रहे हैं। आधिकारिक तौर पर सार्स कोविड-2, का आर नंबर तीन के करीब है। अगर आर नंबर एक से ज्यादा है तो इसका मतलब है कि संक्रमण के मामले बढ़ेंगे। क्योंकि एक संक्रमित व्यक्ति कम से कम एक व्यक्ति में संक्रमण फैला सकता है। वहीं आर नंबर के एक से कम होने पर इसका प्रसार रुकता है।
इंपीरियल कॉलेज के एक अध्ययन के मुताबिक इंग्लैंड के नवंबर के लॉकडाउन में नए प्रकार का संक्रमण तीन गुना हो गया था और पिछले वैरिएंट का संक्रमण घटकर एक तिहाई रह गया था। दूसरी लहर के दौरान कोविड-19 के मामले तेज़ी से बढ़ने लगे है क्योंकि आर नंबर यानि रिप्रोडक्श्न नंबर तेजी से बढ़ रहे हैं। आधिकारिक तौर पर सार्स कोविड-2, का आर नंबर तीन के करीब है। अगर आर नंबर एक से ज्यादा है तो इसका मतलब है कि संक्रमण के मामले बढ़ेंगे। क्योंकि एक संक्रमित व्यक्ति कम से कम एक व्यक्ति में संक्रमण फैला सकता है। वहीं आर नंबर के एक से कम होने पर इसका प्रसार रुकता है।