script

COVID-19: केवल 5600 लोगों ने किया स्वास्थ्य बीमा का दावा, ये रहा पूरा आंकड़ा

locationनई दिल्लीPublished: Jun 02, 2020 04:49:50 pm

Submitted by:

Kaushlendra Pathak

Coronavirus: केवल 5600 लोगों ने क्लेम किया स्वास्थ्य बीमा ( Health Insurance )
COVID-19 के पूरे आंकड़े का केवल तीन प्रतिशत लोगों ने किया मेडिक्लेम
2,132 लोगों को मिला AB-PMJAY का लाभ

COVID-19: Only 5,600 health insurance claims

कोविड-19 के केवल तीन प्रतिशत मरीजों ने किया स्वास्थ्य बीमा का दावा।

नई दिल्ली। पूरी दुनिया के साथ-साथ भारत भी कोरोना वायरस ( coronavirus ) संकट से जूझ रहा है। देश में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा दो लाख को छूने वाला है। इनमें, 95 हजार से ज्यादा लोग इस महामारी से ठीक हो चुके हैं, जबकि 5598 लोगों की मौत हो चुकी है। लेकिन, COVID-19 के इतने बड़े आंकड़ों में दस हजार से भी कम लोगों ने स्वास्थ्य बीमा ( Health Insurance ) का इस्तेमाल किया है। बीमा कंपनियों के मुताबिक, अब तक केवल 5600 लोगों ने बीमा का दावा किया है, जो कुल आंकड़ा का 3.1 प्रतिशत हिस्सा है।
70 करोड़ का सेटलमेंट

बताया जा रहा है कि 5600 लोगों के बीमा क्लेम ( Insurance Claim ) से 70 करोड़ रुपए का सेटलमेंट हुआ है। इसका मतलब ये है कि इस बीमारी के इलाज में औसतन एक व्यक्ति पर 1 लाख 25 हजार का खर्च आया है। वहीं, दूसरी ओर केवल 2,132 लोग प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ( PM Narendra Modi ) द्वारा संचालित आयुष्मान भारत प्रधान मंत्री जन आरोग्य योजना ( AB-PMJAY ) से कोरोना वायरस का इलाज करवा रहे हैं। गौरतलब है कि यह योजना सरकार गरीब और असहाय लोगों के लिए चला रही है। हालांकि, जिन 5,600 लोग इस लिस्ट में शामिल हैं उनके बारे में दावा किया गया है कि ये या तो सामान्य बीमा धारक हैं या स्वास्थ्य बीमा कंपनियों से ली गई बीमा है। लेकिन, सूत्रों का कहना है कि कई राज्यों में दोनों को मिलाकर ये आंकड़े हैं।
आयुष्मान योजना में कोविड-19 भी कवर

आयुष्मान भारत योजना ( Ayushman Bharat Yojana ) आर्थिक रूप से कमजोर 10 करोड़ से अधिक लोगों को कवर करता है। लेकिन सीजीएचएस ( CGHS ) योजना, सरकारी कर्मचारियों ( government employees ) और श्रमिकों के लिए कर्मचारी राज्य बीमा निगम ( ESIC ) योजना को कवर करती है। आयुष्मान योजना में प्रति वर्ष 5 लाख रुपए तक का कवर देने की योजना है, जिसमें माध्यमिक और तृतीयक देखभाल अस्पताल में 10.74 करोड़ से अधिक गरीब और कमजोर परिवार ( तकरीबन 53 करोड़ लाभार्थी) की देखभाल होती है हैं। यहां तक कि कोविड-19 ( COVID-19 ) का टेस्ट और उपचार भी इस योजना में शामिल हैं।
पूरे परिवार के लिए बीमा पर्याप्त नहीं

वहीं, प्राइवेट हॉस्पिटल ( Private Hospital ) में कोविड-19 के इलाज में ज्यादा खर्च है। जबकि, इसका पर्याप्त डेटा भी आधिकारिक रूप से उपलब्ध नहीं है। चूंकि कोविड-19 में पूरे परिवार को खतरा है, ऐसे में स्वास्थ्य कवर बीमा सभी के इलाज के लिए पर्याप्त नहीं है। बीमा कंपनी के एक अधिकारी का कहना है कि इलाज की लागत पर कोई सीमा नहीं होने के कारण, निजी अस्पतालों में जो भी मामले दर्ज किए जा रहे हैं, उन्हें अत्यधिक चिकित्सा बिल दिया जा रहा है।
ये कंपनियां ला रही हैं नई योजना

रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 को देखते हुए कुछ बीमा कंपनी नई पॉलिसी लेकर आ रही है। एगॉन लाइफ इंश्योरेंस ने अभी हाल ही में Flipkart के साथ मिलकर ‘ लाइफ इंश्योरेंस विद कोविड-19 कवर ’ बीमा की घोषणा की है। इस बीमा के तहत हॉस्पिटल के एक लाख तक के खर्च उठाए जाएंगे। इसके अलावा एचडीएफसी एर्गो जनरल इंश्योरेंस कंपनी और अपोलो क्लिनिक ने भी एक टाई-अप की घोषणा की है। इस योजना के तहत मरीजों के हॉस्पिटल और उपचार का खर्च उठाया जाएगा। इसके अलावा रिलायंस जनरल इंश्योरेंस ने एसबीआई और यस बैंक के साथ मिलकर टाई-अप किया है। इन्होंने नए फिक्सड डिपोजिट धारकों के लिए ‘एफडी प्लस कोविड-19’ की घोषणा की है।

ट्रेंडिंग वीडियो