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भारत ने पाक से कहा, संबंधों में ‘सीमा पार आतंकवाद’ मंजूर नहीं

Published: Dec 01, 2016 08:43:00 pm

भारत ने यह संकेत भी दिए कि वह जम्मू के पास नगरोटा में सैन्य बेस पर हुए आतंकी हमले के जवाब में कठोर कार्रवाई करेगा

vikas swaroop

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नई दिल्ली। हॉर्ट ऑफ एशिया सम्मेलन के ठीक पहले भारत ने पाकिस्तान को कठोर संदेश देते हुए गुरुवार को कहा कि वह सीमा पार आतंकवाद को भारत-पाकिस्तान संबंधों में सामान्य स्थिति के रूप में कभी स्वीकार नहीं कर सकता। भारत ने यह संकेत भी दिए कि वह जम्मू के पास नगरोटा में सैन्य बेस पर हुए आतंकी हमले के जवाब में कठोर कार्रवाई करेगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने नियमित ब्रीफ्रिंग में एक सवाल के जवाब में पुन: स्पष्ट किया कि हॉर्ट ऑफ एशिया सम्मेलन में भाग लेने आ रहे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज की भारतीय समकक्ष से द्विपक्षीय मुलाकात के बारे में पाकिस्तान की ओर से कोई अनुरोध अब तक नहीं प्राप्त हुआ है।

भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित द्वारा भारतीय पक्ष से बिना शर्त बातचीत की पेशकश किये जाने और भारत पर बातचीत के लिये शर्त थोपे जाने के आरोप पर स्वरूप ने कहा कि भारत हमेशा से बातचीत के लिए तैयार रहा है, लेकिन स्वाभाविक रूप से लगातार आतंकी हमलों के साए में बातचीत नहीं हो सकती। उन्होंने कहा कि भारत निरंतर जारी आतंकवाद को द्विपक्षीय संबंधों में सामान्य स्थिति के रूप में कभी स्वीकार नहीं करेगा।

सर्जिकल स्ट्राइक के बाद जम्मू कश्मीर में आतंकवाद की निरंतर जारी घटनाओं को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में प्रवक्ता ने कहा कि उस वक्त मिली विश्वसनीय खुफिया सूचनाओं के आधार पर हमारा आकलन था कि देश पर आतंकवाद का बड़ा एवं तात्कालिक खतरा था। नियंत्रण रेखा के पास सशस्त्र आतंकी इस पार आकर बड़े हमले करने वाले थे। सर्जिकल स्ट्राइक के माध्यम से इस खतरे का नाकाम कर दिया गया। हमें जो हुआ, उसे देखने के साथ साथ, जो नहीं हुआ, उस बारे में भी सोचना चाहिए।

सीमा पार आतंकवाद का लंबा रिकॉर्ड
नगरोटा में सैन्य बेस पर हुए हमले के बारे में उन्होंने कहा कि इस हमले के बारे में हम कुछ विशिष्ट सूचनाओं का इंतजार कर रहे हैं। उसके बाद अगले कदम के बारे में फैसला किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने इस घटना को बहुत ही गंभीरता से लिया है और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जो भी जरूरी समझा जाएगा, किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान एक ऐसा देश है जिसका सीमापार आतंकवाद का लंबा रिकॉर्ड है और जो आतंकवाद को शासन की एक नीति मानता है। इससे पाकिस्तान पूरी दुनिया में एक विचित्र किस्म के देश के तौर पर पहचाना जा रहा है। भारत कई वर्षों तक जघन्य आतंकी हमलों का शिकार रहा है जिसे पाकिस्तान से प्रायोजित किया गया। पाकिस्तान ने इसे सोची समझी रणनीति के तहत ही आगे बढ़ाया है।

वर्षों से सामना कर रहे हैं
उन्होंने कहा कि संसद पर हमला, कालूचक का जनसंहार, 2005 में दिल्ली में हुए बम धमाके, 2008 में रामपुर में सीआरपीएफ शिविर पर हमला, मुंबई आतंकी हमला, इस साल पठानकोट हमला और उरी के सैन्य शिविर पर हमला, ये सब प्रमाण हैं कि पाकिस्तान आतंकवाद को निरंतर प्रायोजित कर रहा है तथा नगरोटा हमला इसका ता•ाा उदाहरण है। ये कोई एक सप्ताह या एक माह का मामला नहीं है। इस चुनौती का हमें बहुत वर्षों से सामना करना पड़ रहा है।

अमरीका जारी कर चुका है स्पष्टीकरण
उरी हमले की संयुक्त जांच के प्रस्ताव के बारे में पूछे जाने पर स्वरूप ने कहा कि अगर पाकिस्तान जरा भी गंभीर है तो मुंबई हमले के दोषियों पर कार्रवाई करे। आतंककारियों के अंगुलियों के निशान और डीएनए का अपने राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड से मिलान करे और उन्हें दंडित करे। पठानकोट हमले की जांच को अंजाम तक पहुंचाए। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की अमरीका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से हुई बातचीत का पाकिस्तान द्वारा जारी विवरण के बारे में एक सवाल पर प्रवक्ता ने कहा कि अमरीका ने उस पर कई स्पष्टीकरण जारी किए हैं। इस बातचीत में पाकिस्तान ने भारत के साथ लंबित मुद्दों पर बातचीत की इच्छा जाहिर की है और भारत के लिए सबसे लंबित मुद्दा सीमापार आतंकवाद ही है।
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