इस चक्रवाती तूफान ने हालांकि अपने तय समय पर उतना प्रभावी असर नहीं दिखाया। इसकी मुख्य वजह इसकी दिशा में आया बदलाव रहा। यही नहीं वायु के चलते जहां ट्रेनों पर असर पड़ा है, वहीं तूफान के चलते पहले से ही लेट चल रहे मानसून के अब और देरी से पहुंचने के आसार हैं। मौसम विभाग की मानें तो अब मुंबई में मानसून 7 दिन और आगे बढ़ सकता है।
डॉक्टरों की हड़ताल से चिकित्सा सेवा बाधित होने पर पहले गुस्साईं ममता बनर्जी, फिर लिखा भावुक खत तटीय क्षेत्रों में भारी बारिश
चक्रवात वायु के मद्देनजर रेलवे ने पूरी तरह एहतियात बरती हुई है। यही वजह है कि 13 से 14 जून के बीच रेलवे ने करीब 86 ट्रेनों को रद्द कर दिया है जबकि 37 रेलगाड़ियों को अपने गंतव्य पर पहुंचने से पहले रोक दिया गया है।
चक्रवात वायु के मद्देनजर रेलवे ने पूरी तरह एहतियात बरती हुई है। यही वजह है कि 13 से 14 जून के बीच रेलवे ने करीब 86 ट्रेनों को रद्द कर दिया है जबकि 37 रेलगाड़ियों को अपने गंतव्य पर पहुंचने से पहले रोक दिया गया है।
वैसे तो चक्रवात ने अपना रास्ता बदल लिया है अब गुजरात तट से इसके टकराने की आशंका नहीं है। बावजूद इसके एहतियात के तौर पर रेलवे ने कई ट्रेनों को रोक दिया है। वहीं, मौसम विभाग ने कहा है कि चक्रवाती तूफान वायु के चलते गुजरात के तटीय इलाकों में भारी बारिश होने की पूरी संभावना है।
इन रूट्स पर फोकस
रेलवे ने चक्रवाती तूफान के चलते जिन रूट्स पर विशेष फोकस किया उनमें वेरावल, ओखा, पोरबंदर, भावनगर और भुज प्रमुख रूप से शामिल हैं। हालांकि पश्चिम रेलवे ने इस दौरान विशेष राहत ट्रेनें चलाने का भी फैसला किया है।
रेलवे ने चक्रवाती तूफान के चलते जिन रूट्स पर विशेष फोकस किया उनमें वेरावल, ओखा, पोरबंदर, भावनगर और भुज प्रमुख रूप से शामिल हैं। हालांकि पश्चिम रेलवे ने इस दौरान विशेष राहत ट्रेनें चलाने का भी फैसला किया है।
पोरबंदर से 120 किमी दूर
वायु का वेग भले ही अब तक गुजरात में ज्यादा असर नहीं दिखा पाया हो, लेकिन इसकी आहट का असर आसानी से देखा जा सकता है। फिलहाल गुजरात के द्वारका की ओर बढ़ रहे इस तूफान के पोरबंदर तट तक पहुंचने के बीच की दूरी करीब 120 किमी है।
वायु का वेग भले ही अब तक गुजरात में ज्यादा असर नहीं दिखा पाया हो, लेकिन इसकी आहट का असर आसानी से देखा जा सकता है। फिलहाल गुजरात के द्वारका की ओर बढ़ रहे इस तूफान के पोरबंदर तट तक पहुंचने के बीच की दूरी करीब 120 किमी है।
यही वजह है कि पोरबंदर और इसके आस-पास के इलाकों में इसका असर देखा जा सकता है। यहां तेज हवाओं के साथ बारिश की बूंदों ने अपनी आमद दर्ज करवा दी है। पोरबंदर में हवा की रफ्तार बढ़ गई है। यही नहीं इस क्षेत्र में समुद्री लहरें भी तेजी से ऊपर उठ रही हैं। उधर, मौसम विभाग का कहना की चक्रवाती तूफान वायु पोरबंदर के तटों से नहीं टकराएगा।
तूफान वायु ने गुजरात में दस्तक नहीं दी, लेकिन यह सौराष्ट्र तटीय क्षेत्र से होकर गुजर रहा है, जिससे अमरेली, गिर सोमनाथ, दीव, जूनागढ़, पोरबंदर, राजकोट, जामनगर और द्वारका जिले प्रभावित हैं। मुंबई में लेट आएगा मानसून
चक्रवाती तूफान ‘वायु’ का खतरा कम हुआ लेकिन अभी पूरी तरह टला नहीं है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इसके प्रभाव दिखने शुरू हो गए है। इस तूफान का सबसे ज्यादा असर मानसून पर पड़ा है।
चक्रवाती तूफान ‘वायु’ का खतरा कम हुआ लेकिन अभी पूरी तरह टला नहीं है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इसके प्रभाव दिखने शुरू हो गए है। इस तूफान का सबसे ज्यादा असर मानसून पर पड़ा है।
पहले से ही देरी से चल रहे मानसून के अब मुंबई में और 7 दिन लेट पहुंचने के आसार है। मौसम विभाग के मुताबिक ‘वायु’ के कारण मुंबई में दक्षिण पश्चिम मॉनसून सात दिन की देरी से पहुंचेगा। इससे पहले मुंबई में प्री-मॉनसून बारिश हो रही है।
हालांकि चक्रवाती तूफान के चलते गुरुवार को मुंबई में ठंडी हवाएं चलने लगीं। कुछ इलाकों में अच्छी बारिश भी हुई जिससे लोगों को गर्मी से काफी राहत मिली। लेकिन इन सबके बीच जो बुरी खबर है वो यह कि मानसून के पहुंचने में अभी थोड़ा और इंतजार करना पड़ेगा।
दिल्ली-एनसीआर में वायु का असर
वायु तूफान के चलते देश के अन्य हिस्सों पर भी असर देखने को मिल रहा है। बात दिल्ली-एनसीआर की करें तो यहां की हवा में भी वायु के बाद नमी देखने को मिल रही है। यही नहीं दिल्ली से सटे राज्यों राजस्थान और पंजाब, हरियाणा में भी वायु तूफान का असर देखने को मिल रहा है।
वायु तूफान के चलते देश के अन्य हिस्सों पर भी असर देखने को मिल रहा है। बात दिल्ली-एनसीआर की करें तो यहां की हवा में भी वायु के बाद नमी देखने को मिल रही है। यही नहीं दिल्ली से सटे राज्यों राजस्थान और पंजाब, हरियाणा में भी वायु तूफान का असर देखने को मिल रहा है।