धार्मिक नेता की तबीयत गड़बड़ होने के बाद धर्मशाला ने चेकअप के लिए दिल्ली के निजी अस्पताल रेफर किया गया था। कुछ दिन पहले ही दलाई लामा दिल्ली में थे। 6 अप्रैल को ग्लोबल लर्निंग कांफ्रेन्स में उन्होंने हिस्सा भी लिया था।
तिब्बतियों के 14वें दलाई लामा 1959 की शुरुआत में चीनी शासन के खिलाफ एक विद्रोह के बाद अपने प्रशंसकों के साथ तिब्बत से भागकर भारत आ गए थे और तब से यहां पर निर्वासित जीवन जी रहे हैं। उन्होंने हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला को अपना ठिकाना बनाया। चीन ने 1950 में तिब्बत को अपने कब्जे में ले लिया था और वह 14वें दलाई लामा को अलगाववादी मानता है।
दलाई लामा ने कुछ दिनों पहले ही एक उद्बोधन में अपनी बढ़ती उम्र और पुनर्जन्म के बारे में बताया था। एक साक्षात्कार के दौरान तिब्बत में बौद्ध धर्म के आध्यात्मिक नेता दलाईलामा ने एक बड़ा एलान करते हुए कहा था कि उनका अगला अवतार भारत से हो सकता है। अपने उत्तराधिकारी पर बयान देने वाले दलाईलामा ने भारत में अपने जीवन के 60 साल निर्वासित होकर बिताए हैं। उन्होंने आगाह किया था कि चीन की ओर से घोषित अन्य उत्तराधिकारी को सम्मान न दिया जाए।