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पीएमओ से मदद मिली पर नहीं हो पाई सर्जरी, युवक की मौत

वाराणसी के दलित युवक संतोष कुमार की किडनी ट्रांसप्लांट के लिए PMO ने  2.17 लाख रूपए भी दिए पर आपरेशन के लिए नम्बर न आ सका

Jul 04, 2015 / 07:58 am

शक्ति सिंह

santosh kumar

लखनऊ। इसे सरकारी व्यवस्था कहें कि कुछ और। वाराणसी के रहने वाले 33 वर्षीय दलित युवक संतोष कुमार की किडनी के ट्रांसप्लांट के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय ने पांच माह पहले 2.17 लाख रूपए भी भेज दिए थे, पर आपरेशन के लिए नम्बर न आने की वजह से उसका आपरेशन न हो सका और वह दुनिया छोड़ गया। उसकी बहन रीता अपना किडनी देने को तैयार थी। रीता के तीन बच्चे हैं।

मामला प्रधानमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी के रोहनिया का है। प्रधानमंत्री कार्यालय ने फरवरी में संतोष कुमार की किडनी ट्रांसप्लांट के लिए लखनऊ के संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इं स्टीटयूट आफ मेडिकल साइंसेज(एसजीपीजीआई) के खाते में 2.17 लाक रूपए जमा करा दिए थे। पर चिकित्सों ने कहा कि ऑपेरशन के लिए उसका नम्बर आठ माह बाद आएगा। उस की बहन रीता ने बताया कि संतोष को इलाज के लिए नवम्बर 2014 में लखनऊ लाया गया था। किडनी के ट्रांसप्लांट के लिए डाक्टरों ने अनुमानित खर्च 4.37 लाख रूपए बताया था। इतना खर्च वह वहन नहीं कर सकती थी। इसलिए पीएमओ से अनुरोध किया तो 2.17 लाख रूपए आ गए।

उसने बताया कि एसजीपीजीआई के डायरेक्टर प्रोफेसर राकेश कपूर ने कहाकि वे किंग जॉर्ज मेमोरियल अस्पताल में एसजीपीजीआई के डॉक्टरों की देखरेख में ऑपरेशन करा ले। लेकिन हम तारीख का इंतजार करते रहे। बुधवार को उसकी हालत खराब हो गई, इस पर उसे बीएचयू अस्पताल ले जाया गया लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। राजनेताओं और ए सजीपीजीआई प्रशासन की अनदेखी के चलते उसके भाई की मौत हो गई

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