बिग ब्रेकिंगः इसरो के इस निदेशक ने किया बड़ा दावा, चंद्रयान-2 मिशन को बताया पूरी तरह फेल रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में रक्षा अधिग्रहण परिषद ने तीन प्रोजेक्ट को भारत में निजी कंपनियों द्वारा डिजाइन, डेवलप और मैन्युफैक्चर करने की अनुमति दे दी। भारत में निजी कंपनियां इन प्रोजेक्ट का निर्माण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार की महात्वाकांक्षी परियोजना ‘मेक इन इंडिया’ के तहत करेंगी।
बड़ी खबरः इसरो चीफ के सामने इस दिग्गज का खुलासा, विक्रम से संपर्क करने में यह सिस्टम बना परेशानी इन स्वीकृत प्रोजेक्ट्स में तीसरी पीढ़ी की एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलें (एटीजीएम), T-72 व T-90 टैंकों के लिए ऑग्जिलरी पावर यूनिट्स (एपीयू) शामिल हैं। जबकि तीसरा प्रोजेक्ट पर्वतों और काफी ऊंचाई वाले इलाकों के लिए डिस्क्रीट इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर (ईडब्लू) सिस्टम बनाने का है।
अभी-अभीः चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर ने खींची चंद्रमा की तस्वीर, यह है इनकी सच्चाई, जानकर रह जाएंगे… इस संबंध में सरकार ने बताया कि ईडब्लू सिस्टम को डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (डीआरडीओ) द्वारा डिजाइन और डेवलप किया जाएगा। जबकि इसका डिजाइन और प्रोडक्शन कोई भारतीय उद्योग करके इसका निर्माण करेगा।
बिग ब्रेकिंगः विक्रम लैंडर की तस्वीर सामने… चंद्रमा की सतह पर इस तरह से लैंडर… खुल जाएगी हकीकत जबकि तीसरी पीढ़ी के एटीजीएम ऐसे होंगे जो ‘दागो और भूलो (फायर एंड फॉरगेट)’ के साथ बख्तरबंद लड़ाई के दौरान सैनिकों की टुकड़ी को ‘टॉप अटैक’ की क्षमता प्रदान करेंगे। वहीं, एपीयू के जरिये टैंकों के फायर कंट्रोल सिस्टम और रात में लड़ने की क्षमता में तमाम अपग्रेड्स होंगे।
इस संबंध में जारी आधिकारिक विज्ञप्ति के मुताबिक, “दोनों प्रोजेक्ट ‘मेक-टू’ कैटेगरी के अंतर्गत विकसित होंगे और यह निजी क्षेत्रों में स्वदेशी शोध एवं विकास को बढ़ावा देंगे।” विज्ञप्ति में यह भी बताया गया है कि ऐसा पहली बार होगा जब देश में निजी उद्योगों द्वारा काफी जटिल सैन्य उपकरणों को डिजाइन, डेवलप और मैन्यूफैक्चर किया जाएगा।
अभी-अभीः विक्रम लैंडर से संपर्क से पहले चंद्रयान-2 ऑर्बिटर ने किया सबसे बड़ा काम, इसरो ने दे दी पूरी जानकारी इससे पहले पिछले माह परिषद ने दुश्मनों की बख्तरबंद टुकड़ी को नष्ट करने के लिए भारतीय सेना की क्षमता बढ़ाने वाले T-72/T-90 टैंकों के लिए विशेष आयुध वाले स्वदेशी निर्माण के लिए करीब 2,000 करोड़ की राशि के प्रस्ताव को स्वीकृति दी थी।