रिपोर्ट्स के मुताबिक शुक्रवार शाम 4 बजे राजधानी दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एयर क्वॉलिटी इंडेक्स AQI) को 197 रिकॉर्ड किया गया, जो ‘मॉडरेट या मध्यम’ स्तर की थी। लेकिन देर शाम को इसने 200 का स्तर पार कर लिया और यह केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीबीसीबी) के ‘बुरे यानी खराब’ के स्तर पर पहुंच गई। और ऐसे वक्त में जब मानसून जाने वाला है, तो यह कहना गलत नहीं होगा कि आने वाले कुछ दिनों में प्रदूषण के स्तर में अचानक तेजी से बदलाव आएगा।
सीबीसीबी की वायु प्रयोगशाला के पूर्व प्रमुख डी साहा कहते हैं, “यह बदलाव का वक्त है और हवा की रफ्तार बिल्कुल थम गई है, जिससे स्थानीय प्रदूषण दिल्ली में ही सिमट कर रह गया है।” शुक्रवार को प्राथमिक प्रदूषक PM10 था, जो बीते तीन दिनों से बढ़ रहा है। सीपीसीबी नियंत्रण कक्ष के मुताबिक मंगलवार रात को 8 बजे इसे 45 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर मापा गया था, जबकि शुक्रवार की रात 8 बजे इसने 222 के खतरनाक स्तर को छू लिया। जबकि PM10 का सामान्य स्तर 100 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर है।
केवल ऐसा ही नहीं है कि दिल्ली की आबोहवा में PM10 प्रदूषक का ही स्तर बढ़ा हो। आलम यह है कि मंगलवार रात 8 बजे वायु प्रदूषण का खतरनाक तत्व PM2.5, 22 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के स्तर पर रिकॉर्ड किया गया, जो शुक्रवार रात 8 बजे 90 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर के स्तर पर पहुंच गया। एसएएफएआर के मुताबिक आने वाले तीन दिनों में यह स्तर और ज्यादा बढ़ सकते हैं। यानी दिल्लीवालों के सामने एक बार फिर से वायु प्रदूषण का खतरा मंडराना शुरू हो गया है।