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दिल्‍ली: मोदी सरकार से नाराज किसानों और मजदूरों का हल्ला बोल, रामलीला मैदान से संसद तक मार्च

locationनई दिल्लीPublished: Sep 05, 2018 11:20:07 am

Submitted by:

Dhirendra

इस बार किसान और मजदूर लाखों की संख्‍या में हल्‍ला बोल प्रदर्शन कर केंद्र सरकार को बड़ा संदेश देना चाहते हैं।

mazdoor kisan

दिल्‍ली: मोदी सरकार से नाराज किसानों और मजदूरों का हल्ला बोल आज, रामलीला मैदान से संसद तक मार्च

नई दिल्‍ली। ऑल इंडिया किसान महासभा के नेतृत्‍व में वामपंथी व अन्‍य किसान व मजदूर संगठनों का हल्‍ला बोल आंदोलन आज है। किसानों का यह आंदोलन महंगाई, न्यूनतम भत्ता, कर्जमाफी समेत कई बड़े मुद्दों को लेकर है। बुधवार को हल्‍ला बोल में शामिल किसान व मजदूर मोदी सरकार के खिलाफ रामलीला मैदान से लेकर संसद भवन तक मार्च निकालेंगे। वामपंथी संगठन अखिल भारतीय किसान महासभा और सीटू के नेतृत्व में लाखों की संख्या में किसान और मजदूर दिल्ली के रामलीला मैदान पर मजदूर किसान संघर्ष रैली में शामिल होने की उम्‍मीद है।
पांच लाख किसानों के शामिल होने की उम्‍मीद
अखिल भारतीय किसान सभा के पदाधिकारियों के मुताबिक लगभग पांच लाख किसान और मजदूर दिल्ली पहुंचेंगे जो केंद्र सरकार के खिलाफ अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाते हुए संसद तक मार्च करेंगे। इस मजदूर किसान संघर्ष रैली में कई जाने माने अर्थशास्त्रियों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को भी बुलाया गया है। किसान और मजदूरों की इस महारैली से पहले सीटू और अखिल भारतीय किसान सभा की ओर से अपनी मांगों का चार्टर सामने रखा गया है। जिसमें बीजेपी शासित केंद्र सरकार पर सांप्रदायिक और किसान-मजदूर विरोधी होने का आरोप लगाते हुए आम लोगों को मुहिम के साथ जुड़ने की अपील की गई है।
किसानों और मजदूरों की मांगें
ऑल इंडिया किसान महासभा रैली से पहले मोदी सरकार के समक्ष अपना चार्टर रखा। इस चार्टर में किसानों व मजदूरों से जुड़ी मांगों को मानने का प्रस्‍ताव शामिल है। महासभा की तरफ से कहा गया है कि रोज बढ़ रही कीमतों पर लगाम लगाई जाए, खाद्य वितरण प्रणाली की व्यवस्था को ठीक किया जाए, मौजूदा पीढ़ी को उचित रोजगार मिले, सभी मजदूरों के लिए न्यूनतम मजदूरी भत्ता 18,000 रुपया प्रतिमाह तय किया जाए। साथ ही मजदूरों के लिए बने कानून में मजदूर विरोधी बदलाव न किए जाएं। किसानों के लिए स्वामीनाथन कमेटी की सिफारिशें लागू हों, गरीब खेती मजदूर और किसानों का कर्ज माफ हो। खेती में लगे मजदूरों के लिए एक बेहतर कानून बने। हर ग्रामीण इलाके में मनरेगा ठीक तरीके से लागू हो। खाद्य सुरक्षा, स्वास्थ्य, शिक्षा और घर की सुविधा मिले। मजदूरों को ठेकेदारी प्रथा से राहत मिले। जमीन अधिग्रहण के नाम पर किसानों से जबरन उनकी जमीन न छीनी जाए और प्राकृतिक आपदा से पीड़ित गरीबों को उचित राहत मिले।

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