मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर यह बात कही। राज्य के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने भी ट्वीट कर कहा कि दिल्ली को ऑक्सीजन सप्लाई करने वाले लोगों को अलग-अलग राज्यों में रोका जा रहा है। ऑक्सीजन की सप्लाई को लेकर राज्यों के बीच जंगलराज जैसी स्थिति न बनें, इसके लिए केन्द्र सरकार और अत्यन्त संवेदनशील और सक्रिय रहना होगा।
उल्लेखनीय है कि इस मुद्दे पर आज दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई थी। सुनवाई के दौरान केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि जल्दी ही और ऑक्सीजन उपलब्ध करवाई जा रही है। मंत्रालय के अनुसार ऑक्सीजन के औद्योगिक उपयोग पर रोक लगा दी गई है परन्तु घरेलू प्रयोग के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर्स की खरीद के चलते हॉस्पिटल्स में ऑक्सीजन नहीं मिल पा रही है।
हाईकोर्ट ने सरकार के रवैये पर नाखुशी जाहिर करते हुए कहा कि देश में हर रोज लाखों लोग कोरोना संक्रमित हो रहे हैं, यदि दो करोड़ से ज्यादा लोग संक्रमित हो गए तो मौत का आंकड़ा कितना ज्यादा हो जाएगा। इस पर केन्द्र सरकार ने कहा कि यदि किसी व्यक्ति की पल्स ऑक्स 95 फीसदी है तो उसे एहतियात के तौर पर ऑक्सीजन दिया जाना ऑक्सीजन की बर्बादी है। सरकार ने कहा कि आज शाम पांच बजे स्वास्थ्य सचिव राज्यों के अधिकारियों के साथ मीटिंग कर उन्हें ऑक्सीजन के सही प्रयोग के बारे में जानकारी देंगे।
इस पर कोर्ट ने दिल्ली सरकार को कल दोपहर 12 बजे तक हलफनामा पेश करने के आदेश दिए हैं। उल्लेखनीय है कि इस समय कोरोना मरीजों के लिए देश में ऑक्सीजन की सप्लाई सुचारू बनी रहे इसके लिए रेलवे ने ग्रीन कॉरिडोर बना कर ऑक्सीजन एक्सप्रेस ट्रेन चलाने का भी निर्णय लिया है। पहली ट्रेन 19 अप्रैल को शुरू भी हो गई है। ट्रेन के जरिए ऑक्सीजन टैंकर्स तथा सिलेंडर्स को आवश्यकतानुसार एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जाएगा।