बता दें कि अदालत ने भारतीय रेलवे खानपान और पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) घोटाला में लालू परिवार और अन्य आरोपी के खिलाफ यह समन जारी किया है।
लालू यादव के जेल से बाहर रहने पर सुशील मोदी ने उठाए सवाल, कहा- उनकी जमानत हो रद्द मामले पर विशेष न्यायाधीश अरविंद कुमार ने आईआरसीटीसी के इस घोटाले पर लालू परिवार को समन देते हुए 31 अगस्त को अदालत में पेश होने को भी कहा है। गौरतलब है कि दो होटलों के संचालन की जिम्मेदारी एक निजी कंपनी को सौंपने की प्रक्रिया में कुछ गड़बड़ियां सामने आई थीं। जिसे लेकर काफी समय से कवायद चल रही थी।
बता दें कि लालू यादव और उनके परिवार के अलावा पूर्व केन्द्रीय मंत्री प्रेमचंद गुप्ता और उनकी पत्नी सरला गुप्ता, आईआरसीटीसी के तत्कालीन प्रबंध निदेशक बी के अग्रवाल और आईआरसीटीसी के तत्कालीन निदेशक राकेश सक्सेना का भी नाम आरोपपत्र में शामिल है।
आपको बता दें कि 16 अप्रैल को सीबीआई ने मामले पर एक आरोपपत्र दाखिल किया था जिसमें कहा गया था कि आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं। वहीं सीबीआई ने ये भी बताया कि रेलवे बोर्ड के अतिरिक्त सदस्य बी के अग्रवाल भी इस मामले से संबधित हैं, जिन पर मुकदमा चलाने के लिए अधिकारियों से इजाजत ले ली गई है। गौरतलब है कि बी के अग्रवाल घोटाले के समय आईआरसीटीसी के महाप्रबंधक थे।
ये है पूरा मामला सीबीआई ने पिछले साल जुलाई में इस पर मामला दर्ज किया था। साथ ही पटना, रांची, भुवनेश्वर और गुरूग्राम में बारह ठिकानों की तलाशी भी ली थी। 2004 से 2014 के बीच इस कहानी को रचा गया था। जिसमें भारतीय रेलवे की पुरी और रांची में स्थित बीएनआर होटलों को आईआरसीटीसी के नाम किया गया था लेकिन बाद में इसके रखरखाव की जिम्मेदारी सुजाता होटल प्राइवेट लिमिटेड को दे दी गई थी।
सीबीआई ने बताया कि जांच में तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव और परिवार पर इस षड़यंत्र के द्वारा खुद को आर्थिक लाभ पहुंचाने की बात सामने आई थी, जिसके बाद से इस पर छानबीन शुरू कर दी गई थी।