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अपने अति व्यस्त समय में से हर शनिवार तीन घंटे निकाल कर दिल्ली के कुछ डॉक्टर यमुना के घाट को सवारने में लग जात हैं। बता दें कि इन डॉक्टरों की ये कोशिश लगभग तीन सालों से जारी है। ‘स्वच्छ यमुना अभियान’ के नाम से शुरू इस अभियान की नींव तीन साल पहले मौलाना आजाद के 13 डॉक्टर, वैज्ञानिक और पैरामेडिकल स्टाफ ने मिलकर रखी थी, जो अब एक बड़ा अभियान बन गया है।
हर शनिवार को करते हैं यमुना की सफाई
अभियान के प्रमुख सदस्य डॉ. विवेक दीक्षित के मुताबिक यमुना सफाई अभियान से जुडे लोग हर शनिवार को सचिवालय के सामने स्थित छठ घाट पर आते हैं और यहां मौजूद गंदगी को साफ करते हैं। इसे साफ करने के पीछे की उनकी मंशा बस इतनी है कि यमुना के 80 मीटर के इस घाट को वे साफ कर सके। ताकि लोग यमुना को उसी तरह देखने आए जैसे वह दिल्ली के अन्य ऐतिहासिक स्थलों को देखने जाते हैं।
एमसीडी भी दे रहा है साथ
डॉ. विवेक दीक्षित ने बताया कि इस अभियान की शुरुआत में वो लोग दिल्ली पुलिस को भी इसकी जानकारी देते थे कि वह घाट की सफाई करने आ रहे हैं। इसके लिए वह अनुमति भी लेते थे। हालांकि अभिायन की शुरुआत में उन्हें सहयोग नहीं मिला, लेकिन पिछले एक साल से लगातार कूड़ा उठाने के लिए टिपर और गाड़ियां शनिवार को आती हैं।
जागरूकता के लिए बनाई डॉक्युमेंट्री
आपको बता दें कि दिल्ली के ये डॉक्टर सिर्फ घाट पर जाकर ही सफाई कर लोगों को जागरूक नहीं करते। इन डॉक्टरों ने मिलकर एक जागरूकता डॉक्युमेंट्री भी बनाई है। इस डॉक्युमेंट्री में यमुना की सफा-सफाई और नदी की दशा के बारे में बताया गया है। साथ ही लोगों को सफाई के प्रति जागरूक भी किया गया है।
अभियान में शामिल दिल्ली के ये डॉक्टर
डॉ दीक्षित बताते हैं कि यह न तो कोई संस्था है न ही कोई गैर सरकारी सहायता प्राप्त एनजीओ है। यह केवल एक स्वैच्छिक आंदोलन है जिसका उद्देश्य मां यमुना को कचरा मुक्त बनाना है। इस अभियान में दिल्ली के लगभग सभी मेडिकल कालेज से लोग जुडे है जिनमे डॉ ऋषि सोलंकी, डॉ़ विनय सिंह, डॉ दुश्यंत, डॉ श्याम, डॉ नौशाद, डॉ राजिब, राकेश मिश्र, गोविंद, किशोर, विपिन, डॉ प्रमोद, सुधांशु सहित कई डॉक्टर और लोग शामिल हैं।