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पटाखों पर बैन के बाद 24 गुना तक बढ़ा दिल्ली का प्रदूषण, धुंध के साथ हुई सुबह

कुछ इलाकों में प्रदूषण में कमी, आँखों में जलन की शिकायत हुई कम, सुबह की शुरुआत धुंधलेपन के साथ

Oct 20, 2017 / 09:48 am

amit2 sharma

Pollution level increases in delhi on diwali night

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट के पटाखों पर बैन लगाने के बाद भी दिल्ली के प्रदूषण स्तर में कोई गिरावट नहीं हो पायी. दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमिटी द्वारा जारी किये गए आंकड़ों के मुताबिक़ दिवाली की रात और दूसरे दिन सुबह दिल्ली का प्रदूषण स्तर रिकॉर्ड 24 गुना तक अधिक रिकॉर्ड किया गया. दिल्ली को प्रदूषित करने में पॉश कॉलोनियों से लेकर झुग्गी-झोपडी तक के इलाके एक साथ आगे रहे.
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमिटी (DPCC) द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक़ सुबह 6 बजे दिल्ली की अलग-अलग जगहों पर प्रदूषण का स्तर अपने सामान्य स्तर से बहुत अधिक ऊपर रिकॉर्ड किया गया. कुछ इलाकों में यह 24 गुना से भी ज्यादा रिकॉर्ड किया गया. आंकड़ों के मुताबिक़ सुबह के समय पीएम 2.5 का स्तर PM 10 से भी ज्यादा बढ़ा हुआ है.
ये कहते हैं आंकड़े

दिल्ली की पहचान इंडिया गेट पर सुबह 6 बजे पीएम 2.5 की मात्रा 911 माइक्रोन रिकॉर्ड किया गया, जबकि सामान्य आंकड़ों के मुताबिक़ इसे 60 माइक्रोन तक के स्तर तक का होना चाहिए. DPCC के मुताबिक़ आरके पुरम जैसे पॉश इलाके में PM 2.5 की मात्रा 776 माइक्रोन तक पाया गया जो की सामान्य से खतरनाक स्तर तक अधिक है. अशोक विहार में प्रदुषण 14 गुना ज्यादा तो आनंद विहार में 10 गुने से भी ज्यादा पाया गया है.
वहीं प्रदुषण के दूसरे मानक पीएम 10 की बात करें आनंद विहार में इसकी मात्रा सामान्य से 24 गुना तक अधिक पाया गया. इसका सामान्य स्तर 100 माइक्रोन माना जाता है, लेकिन आनंद विहार में ये 2402 माइक्रोन के खतरनाक स्तर तक पाया गया. इंडिया गेट पर PM10 की मात्रा 985 माइक्रोन और मंदिर मार्ग पर 1046 माइक्रोन मिला जो 10 गुना ज्यादा प्रदुषण को दिखाता है.
कई इलाकों में प्रदूषण स्तर में नौ से बारह फीसदी तक बढ़ोत्तरी दर्ज की गयी तो आरके पुरम जैसी पॉश कॉलोनियों में प्रदूषण स्तर में पिछले दिवाली के मुकाबले प्रदूषण में कमी दर्ज की गयी. यहां पीएम 2.5 के स्तर में खासी गिरावट दर्ज की गयी. लेकिन आनंद विहार, शाहदरा, आनंद पर्वत, वजीरपुर, नरेला, लक्ष्मी नगर, अशोक विहार और श्रीनिवासपुरी जैसे इलाकों में प्रदूषण का स्तर सामान्य से कई गुना ज्यादा पहुंच गया. ये जानकारी रात नौ से दस बजे के बीच के आंकड़ों के आधार पर है, जाहिर है कि सुबह तक प्रदूषण स्तर में और भी गिरावट दर्ज की जा सकती है क्योंकि भारी संख्या में लोग रात दस बजे के बाद ही पटाखे फोड़ना शुरू करते हैं.
कहां कितना प्रदूषण

दिल्ली के कई इलाकों में प्रदूषण का स्तर रात नौ बजे तक ही पिछले सालों के आंकड़ों को पीछे छोड़ चुका था. दर्ज किये गए आंकड़ों के मुताबिक़ आनंद विहार में प्रदूषण 9 गुना, शाहदरा में 7 गुना, पंजाबी बाग में 6 गुना, वजीरपुर में 8 गुना, अशोक विहार में 8 गुना, रोहिणी में 7 गुना, आरके पुरम में 12 गुना ( बाद में), शाहदरा में 8 गुना (रात 12 बजे), वजीरपुर में 9 गुना, श्रीनिवासपुरी में 6 गुना और आनंद विहार में 6 गुना से ज्यादा प्रदूषण दर्ज किया गया.
नहीं हुई आँखों में जलन

हलांकि इसके साथ ये भी सच है कि पटाखों की बिक्री में खासी कमी दर्ज की गयी. आसानी से लोगों को पटाखे नहीं मिले. दिल्ली पुलिस की सतर्कता से जगह-जगह पटाखों की बिक्री की छोटी-छोटी दुकानें नहीं लग सकीं. इसका सीधा असर लोगों को महसूस हुआ. दिवाली की रात जहाँ लोगों का दम घुटने लगता था, सांस लेने में परेशानी होने लगती थी और घरों में धुंआ सा भर जाता था, उसमें इस बार खासी कमी दर्ज की गयी. लोगों की प्रतिक्रिया थी कि इस बार पटाखों के प्रदूषण के कारण आँखों में जलन होने जैसे हालात नहीं हैं.
सुबह कुंहासे जैसे माहौल में जगी दिल्ली

दिवाली की रात धुंए और प्रदूषण का असर दूसरे दिन सुबह भी दिखाई पड़ा. दिल्ली की सुबह कुहांसे जैसे बादलों के साथ हुई. पटाखों का धुंआ और अन्य प्रदूषण वातावरण में ट्रैप हो गया जिसके कारण सुबह का मौसम धुंधलेपन के साथ शुरू हुआ.

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