स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू हो वरना 2019 में कयामत: केजरीवाल
दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद कजेरीवाल ने कहा कि मैं दिल्ली आए किसानों का मैं स्वागत करता हूं लेकिन ये दुख की घड़ी है और मैं आपके साथ खड़ा हूं। उन्होंने कहा लोकसभा चुनाव को अभी पांच महीने बाकी हैं। मैं केंद्र सरकार से मांग करता हूं कि स्वामीनाथन रिपोर्ट को तुरंत लागू किया जाए। वरना 2019 में ये किसान कयामत ढाह देंगे। मंच से उतरने के बाद मीडिया से बात करते हुए केजरीवाल ने कहा कि सारे दिल्लीवाले आज कह रहे हैं मोदी जी दिल्ली के लिए हानिकारक हैं। दिल्लीवालों से पूछ के तो देखो। वो (मोदी) हर काम में टांग अड़ा रहे हैं।
किसान बोले- मोदी सरकार ने दिया धोखा
रामलीला मैदान से निकली यह ऐतिहासिक रैली संसद मार्ग पर एक विशाल धरना प्रदर्शन में बदल गई और वक्ताओं ने तीन घंटे तक किसानों को संबोधित किया। वक्ताओं ने मोदी सरकार पर तीखे हमले करते हुए उसे जुमलों की सरकार बताया और कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सत्ता में आने से पहले किसानों के लिए जो भी वादे किए थे उसमें से एक भी वादा नहीं निभाया। बल्कि उनके साथ धोखा किया। किसानों ने कहा कि मोदी सरकार हर मोर्चे पर विफल रही और उसके कार्यकाल में पेट्रोल और डीजल ही नहीं, किसानों के खाद, बीज और बिजली के भी दाम बढ़ गए और उनके कर्ज माफ नहीं किए जबकि देश में आज हर 45 मिनट पर कहीं न कहीं कोई किसान आत्महत्या कर रहा है।
आंदोलन में शामिल हुए 208 जन संगठन के किसान
अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के बैनर तले देश के 208 जन संगठनों से जुड़े किसानों ने रामलीला मैदान से संसद मार्च तक विशाल रैली निकली और आसमान उनके नारों से गूंज उठा। संसद मार्ग थाने से लेकर बाराखंभा रोड चौराहे तक हाथ में झंडे और तख्तियां लिए चारों तरफ किसान ही किसान नजर आ रहे थे।
27 राज्यों के किसानों का सरकार के खिलाफ…हल्ला बोल
बिहार बंगाल उत्तर प्रदेश, पंजाब, हिमाचल से लेकर महाराष्ट्र तमिलनाडु केरल और मिजोरम एवं असम समेत 27 राज्यों एवं केंद्र शासित क्षेत्र से आये ये गरीब किसान रामलीला मैदान से पैदल चलकर नारे लगते हुए संसद मार्ग पहुंचे। संसद मार्ग पर एक विशाल मंच बना था जिसपर देश के किसान नेताओं और विभिन्न दलों के राजनीतिज्ञों ने विशाल भीड़ को संबोधित किया। मंच पर अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्ला, अखिल भारतीय किसान महासभा के नेता अतुल कुमार अनजान, स्वराज्य अभियान के नेता योगेन्द्र यादव, नर्मदा बचाओ आन्दोलन की नेता मेधा पाटकर समेत कई प्रमुख नेता एवं संसद भी मौजूद थे।
21 पार्टियों ने किया किसानों के बिल का समर्थन
बता दें कि स्वाभिमानी शेतकारी संगठन के नेता और महाराष्ट्र के कोल्हापुर में हटकांगला के सांसद राजू शेट्ठी ने 2017 में संसद में दो निजी विधेयक पेश किया था, जिसमें उन्होंने कर्जमाफी और स्वामीनाथन आयोग की अनुशंसा के आधार पर कृषि उत्पादों की निश्चित लाभकारी कीमतों की मांग की थी। एआईकेएससीसी ने इस बाबत संसद के विशेष सत्र की मांग की है ताकि बिलों पर चर्चा हो सके और इसे पारित कराया जा सके। संगठन का कहना है कि 21 राजनीतिक पार्टियों ने इस बिल के समर्थन की बात कही है। आज आंदोलन कर रहे किसानों की भी यही मांग है।