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दिल्ली सरकार का बड़ा फैसला: 24 घंटे के भीतर मरीज की मौत इुई तो अस्पताल को छोड़ना होगा आधा बिल

locationनई दिल्लीPublished: May 29, 2018 12:32:16 pm

दिल्ली सरकार की पॉलिसी में अस्पतालों द्वारा दवाइयों से लेकर सर्जरी तक के मनमाने रेट वसूलने पर रोक लगाने के लिए पॉलिसी को लेकर ड्राफ्ट जारी किया गया है

Delhi health minister

दिल्ली सरकार का बड़ा फैसला: अस्पताल में चौबीस घंटे के भीतर मरीज की मौत, तो होगा आधा बिल माफ

नई दिल्ली। दिल्ली सरकार ने प्राइवेट अस्पतालों की लूट खसोट से आम जनता को राहत देने वाला एक बड़ा फैसला किया है। दिल्ली सरकार के नई प्रॉफिट कैपिंग एडवाइजरी में प्राइवेट अस्पतालों में मरीजों की भर्ती के बाद 24 घंटे के भीतर मौत हो जाने के स्थिति में अस्पताल उनके परिजनों को बिल में छूट देने पर बाध्य होंगे।
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क्या है नई पॉलिसी

दिल्ली सरकार की नई पॉलिसी में अस्पतालों द्वारा मरीजों से दवाइयों से लेकर सर्जरी तक के मनमाने रेट वसूलने पर रोक लगाने के लिए प्रॉफिट कैपिंग पॉलिसी को लेकर ड्राफ्ट जारी किया गया है। इस ड्राफ्ट के मुताबिक अस्पताल आने के 6 घंटे के भीतर इमरजेंसी और कैजुअल्टी में मरीज की मौत होने पर 50 पर्सेंट बिल माफ करना होगा। जबकि 6 से 24 घंटे के भीतर हुई मौत पर 20 पर्सेंट बिल माफ हो जाएगा। इसके अलावा अस्पताल बिल न दे पाने की स्थिति में परिजनों को शव देने से इनकार नहीं कर सकेंगे। साथ ही नई पॉलिसी में प्राइवेट अस्पतालों के लिए केंद्र सरकार की आवश्यक दवाओं की सेंट्रल लिस्ट में शामिल 376 दवाइयों में से ही मरीजों को लिखना अनिवार्य किया जाएगा।
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सर्जिकल ग्लब्स, सिरिंज और अन्य डिस्पोजेबल चीजों पर भी यही नियम लागू होगा। साथ ही प्राइवेट अस्पताल अपने यहां से दवाइयां खरीदने को मजबूर नहीं कर सकेंगे। अस्पताल में अगर एक सर्जरी के बाद दूसरी सर्जरी की जरूरत पड़ेगी तो दूसरी सर्जरी के लिए अस्पताल निर्धारित फीस का 50 पर्सेंट ही मरीज से वसूल कर सकेंगे।
सभी प्राइवेट अस्पतालों पर लागू होगा नियम

दिल्ली सरकार की यह नियमावली फिलहाल तो पब्लिक ओपिनियन के लिए रखी गई है। इस ड्राफ्ट एडवाइजरी पर 30 दिनों तक पब्लिक के सुझाव लिए जाएंगे। यदि पर्याप्त संख्या में लोगों ने इसका अनुमोदन कर दिया तो यह एलजी की मंजूरी के लिए भेजी जाएगी। एलजी की मंजूरी मिलते ही इसे कानून के रूप में अधिसूचित कर दिया जाएगा जो दिल्ली के हर प्राइवेट अस्पताल और नर्सिंग होम के लिए बाध्यकारी होगी।
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