तीन माह का समय दे दिया सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाकर न्यूनतम वेतन बढ़ाने का निर्देश दिया। साथ ही न्यूनतम वेतन बढ़ाने की प्रक्रिया पूरी करने के लिए तीन माह का समय दे दिया। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दिल्ली सरकार के श्रम विभाग ने न्यूनतम वेतन बढ़ाने के लिए सबसे पहले चार सदस्यीय मूल्य संग्रह समिति का गठन किया। समिति ने विभिन्न खाद्य पदार्थों के मूल्य, बिजली, ईधन, शैक्षिक व सामाजिक खर्चों के मूल्य और खादी ग्रामोद्योग से कपड़़ो के मूल्यों को एकत्रित कर अध्ययन किया। उसके बाद न्यूनतम मजदूरी तय करने के सभी छह श्रेणियों में 11.1 फीसदी तक वेतन बढ़ाने का प्रस्ताव रखा है। इसके अलावा सरकार और भी कई मसलों पर विचार कर रही है।
सुझाव और आपत्ति के लिए 11 जनवरी तक मौका श्रम विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक मूल्य संग्रह समिति की रिपोर्ट पर लोगों का सुझाव और आपत्ति के लिए 11 जनवरी 2019 तक का समय दिया गया है। उसके बाद सरकार की ओर से गठित दिल्ली न्यूनतम सलाहकार वेतन बोर्ड के समक्ष सभी सुझाव,आपत्ति और प्रस्तावित वेतन रखा जाएगा। यह बोर्ड इसके अध्ययन के बाद अपनी न्यूनतम वेतन बढ़ाने की सिफारिशें सरकार के सामने रखेगा।
इतर तरह होगा बढ़ा हुआ वेतन गैर प्रशिक्षित : 13350 से बढ़कर 14842 रुपये
अर्द्धप्रशिक्षित :14668 से बढ़कर 16341 रुपये
प्रशिक्षित: 16182 से बढ़कर 17991 रुपये
नॉन मैट्रिक: 14698 से बढ़कर 16341 रुपये
मैट्रिक : 16182 से बढ़कर 17991 रुपये
स्नातक: 17604 से बढ़कर 19572 रुपये
अर्द्धप्रशिक्षित :14668 से बढ़कर 16341 रुपये
प्रशिक्षित: 16182 से बढ़कर 17991 रुपये
नॉन मैट्रिक: 14698 से बढ़कर 16341 रुपये
मैट्रिक : 16182 से बढ़कर 17991 रुपये
स्नातक: 17604 से बढ़कर 19572 रुपये