नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार को अक्सर विवादों में रहने वाली बांग्लादेशी लेखिका तस्लीमा नसरीन के खिलाफ दायर की गई पीआईएल पर कार्रवाई करने से इनकार कर दिया। पीआईएल में भारत सरकार की ओर से तस्लीमा को दिए गए वीजा को रद्द करने की मांग की गई थी। चीफ जस्टिस जी रोहिणी और जस्टिस जयंत नाथ की पीठ ने काफी देर तक चली सुनवाई के बाद कहा, इस मामले में कोई सार्वजनिक हित नहीं है। याचिका खारिज की जाती है।
लेखिका के खिलाफ ऑल इंडिया ह्यूमन राइट एंड सोशल जस्टिस फ्रंट (एनजीओ) ने याचिका दायर की थी। जिसमें एनजीओ ने दावा किया था कि तस्लीमा ने किसी फिल्म या सीरियल की स्क्रिप्ट तैयार करने के लिए फॉरनर्स ऑडर्स ऑफ 1948 और फॉरनर्स एक्ट 1946 का उल्लंघन किया था, लेकिन कोर्ट ने सुनवाई के बाद याचिका खारिज कर दी। साथ ही एनजीओ का कहना था कि तस्लीमा राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में लिप्त हैं। वह एक टीवी सीरियल की स्क्रिप्ट तैयार कर रही हैं, जिसे 2013 में पश्चिम बंगाल में प्रसारित किया जाना था, लेकिन समुदाय विशेष के विरोध के चलते उसे रोक दिया गया था।
इसके अलावा एनजीओ ने बांग्लादेशी लेखिका के खिलाफ उनके जीवन पर आधारित बंगाली फिल्म ‘निर्बाशितोÓ की स्क्रिप्ट लिखने का भी आरोप लगाया। ये फिल्म दिल्ली इंटरनेशन फिल्म फेस्टीवेल 2014 में दिखाई गई थी।
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